Pic credit: pinterest. स्याही को अपना बनाया, शब्दों को हमराही, तब जाकर निकली है, अच्छी भली एक शायरी। काव्य में उपजे भाव को, सम्मान देता है रचयिता, तब…
Read morePhoto courtesy: Pinterest तेरी आँखों के काजल को स्याही बनाके लिख दूँ, मैं अपनी ग़ज़…
Read morePic courtesy: Pinterest. रात को ख़्वाब में मिलने मुझे आओगे क्या, फिर सुबह मीठी चाय मुझे पिलाओगे क्या। दिन भर की थकान से बद…
Read moreचिराग जलाने जा रहे हो, हवा को भी ले जा रहे हो। बिखरकर टूट चुके हो तुम फिर भी मुस्कुरा रहे हो। इश्क़ में इतने पागल हो तुम, …
Read morePic credit : Pinterest. शायरी में दर्द लिखूँ, ग़ज़ल में कयामत और कहानी में तेरा किरदार, बहुत फरमाइश आ रही है, लो ज़िक्र क…
Read morePic credit : Pinterest. मैं तेरे शहर में, दिन के आठों पहर में, ग़ज़ल की बहर में, मौजूद रहूँगा। तुम प्यार मुझसे जरूर करन…
Read morePic credit : Google. खुद को मिटाते रहे उसके नाम के खातिर, खुद को झुकाया हमने उसके एहतराम के खातिर। सुना था इश्क़ में हीर राँ…
Read moreImage courtesy: Google. हम तेरे वजूद को ज़िंदा रखेंगे, अमावश में भी एक चंदा रखेंगे। लोग मुझे बहका हुआ आशिक़ समझें, हम अपनी …
Read moreहम सबके हो गए, कोई हमारा ना हुआ, एक बार हुआ इश्क़, फिर दुबारा ना हुआ। दिल को संभालने को शराब पीना था, मयखाना दूर था, जाम हमारा…
Read moreसस्ता सबूत, महँगी मोहब्बत और ये ज़ख्म, इश्क़ में हमें ना जाने क्या क्या मिल गया। डूबती कश्ती, सूखा समंदर और ये तूफान, वजूद मेरा ना जाने क…
Read moreआईना झूठा, सूरत सच्ची, अल्फ़ाज़ अधूरे, ग़ज़ल अच्छी, मोहब्बत में ये कमाल हो गया, मेरा इश्क़ बेमिसाल हो गया। कड़वाहट नीम के पत्तों …
Read moreमैंने तो कहा था कि मुझे भूल जाओ, पर तुम्हारी ही ज़िद थी याद करने की। ना दिल दिया कभी, ना कभी प्यार किया, फिर कौन सी वजह है म…
Read moreतेरे होने से ना जाने क्यों मुझे डर लगता है, ऐसा तो नहीं कि तेरे पास कोई खंज़र रहता है। भरोसे के लायक ना तूने मुझे छोड़ा ना…
Read moreYudh Rchati ho | युद्ध रचाती हो। जान-जान कहके तुम मेरी जान ले जाती हो, दूर रहकर भी मोहब्बत का एहसास कराती हो। ये बिंदी, ये काजल, श्रृंगा…
Read moreरुसवा करके वो हमें छोड़ गए हैं, हरे पत्तों को वो तोड़ गए हैं। गुलाब तोड़ गए वो अपने हिस्से का, मेरे लिए काँटों को छोड़ गए हैं। …
Read moreजब जब तेरे मुखर बिंदु से, मेरा नाम निकलता है, तब तब मेरे ह्रदय में, एक सैलाब उमड़ जाता है। जब जब तेरे होठों की लाली, चुपके से कुछ …
Read moreफ़ुर्सत में मैं ग़ज़ल लिखता हूँ, तेरी यादों का एक सफ़र लिखता हूँ. वो वक़्त जो थम सा गया था कभी, उस वक़्त की रगुजर लिखता हूँ. …
Read moreपल भर में शबनम,पल भर मे शोला, शातिर तू है और मैं कितना भोला. पतझड़ मे सावन और सावन मे बारिश, तू है जैसे मेरे बरसों की ख्वाहिश. …
Read moreअगर तुम ना होती तो... ये गुलाब ना होता,ये शबाब ना होता. ये झरने ना होते, ये भँवरे ना होते, ये नदियाँ ना होती, ये वादियाँ ना ह…
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