हम सबके हो गए, कोई हमारा ना हुआ,
एक बार हुआ इश्क़, फिर दुबारा ना हुआ।
दिल को संभालने को शराब पीना था,
मयखाना दूर था, जाम हमारा ना हुआ।
वो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
उनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ।
शेर से शुरुआत करके, ग़ज़ल लिख डाली,
इश्क़ में मुझ जैसा कोई आवारा ना हुआ।
कब्र पर मेरे फूल चढ़ाने वाले कह रहे हैं,
इस जैसा आशिक़ यहाँ दुबारा ना हुआ।
©नीतिश तिवारी।
एक बार हुआ इश्क़, फिर दुबारा ना हुआ।
दिल को संभालने को शराब पीना था,
मयखाना दूर था, जाम हमारा ना हुआ।
वो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
उनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ।
शेर से शुरुआत करके, ग़ज़ल लिख डाली,
इश्क़ में मुझ जैसा कोई आवारा ना हुआ।
कब्र पर मेरे फूल चढ़ाने वाले कह रहे हैं,
इस जैसा आशिक़ यहाँ दुबारा ना हुआ।
©नीतिश तिवारी।
22 Comments
बहुत खूब
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
DeleteSir my help sir mera ek blog hai bo free domain par tha or aab mene use costume domain par kar diya hai mere blog ki problem apke blog ki traha hai
ReplyDeleteSir apne ye problem kaise solve ki please reply
www.duniyajeet.com
Sir apne mobile number dijye
ReplyDeleteवाह !!! बहुत खूब .....
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteवाह!
ReplyDeleteउम्दा शायरी...
आपका शुक्रिया।
Deleteवो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
ReplyDeleteउनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ
बेहतरीन गजल....👌👌👌
बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत ही खूबसूरत अल्फाजों में पिरोया है आपने इसे... बेहतरीन
ReplyDeleteनई पोस्ट - लिखता हूँ एक नज्म तुम्हारे लिए
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी।
Deleteबहुत खूबसूरत भाव लिए उम्दा ग़ज़ल ।
ReplyDeleteबहूमूल्य टिप्पणी के लिए धन्यवाद।
Deleteबहुत सुंदर 👌
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteबहुत खूब.... आदरणीय
ReplyDeleteवो रुसवा कर गए, बरसों पहले लेकिन,
उनकी यादों के बिना कभी गुजारा ना हुआ
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteवाह
ReplyDeleteशुक्रिया।
DeleteBahut sundar!👌
ReplyDeleteAapka dhnyawad.
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।