This blog is under copyright. Please don't copy for commercial purpose
Wednesday, December 31, 2014
Sunday, December 14, 2014
पहले शबाब तो ओढ़ लूँ.
क़र्ज़ चुकाने से पहले हिसाब तो दे दूँ,
फ़र्ज़ निभाने से पहले जवाब तो दे दूँ,
दिन ढल जाने से पहले इकरार तो कर लूँ,
तुझे बेवफा हो जाने से पहले प्यार तो कर लूँ,
बेनकाब हो जाने से पहले नकाब तो ओढ़ लूँ,
बर्बाद हो जाने से पहले शबाब तो ओढ़ लूँ,
कायनात बदल जाने से पहले मुलाकात तो कर लूँ,
मौत आ जाने से पहले अपनी ज़िंदगी तो जी लूँ.
प्यार के साथ
आपका नीतीश.
Monday, November 24, 2014
एक वज़ह
आरज़ू दिल में दबाए फिरते हैं,
अपना तुम्हे हम बनाए फिरते हैं,
वज़ह तो कुछ ज़रूर रही होगी,
जो हम तेरी ही ग़ज़ल गुनगुनाए फिरते हैं.
with love.
nitish tiwary
www.facebook.com/nitish.tiwary.3
www.twitter.com/nitishtiwary3
http://instagram.com/nitish7610/
Sunday, November 16, 2014
स्वच्छ भारत अभियान
दोस्तों मैने "स्वच्छ भारत अभियान" के तहत प्रत्येक रविवार को अपने गाँव में सफाई अभियान चलाने का निर्णय लिया है . इसी के तहत आज पहले चरण में सफाई का कार्यक्रम हुआ. सभी लोगों का सहयोग प्राप्त हुआ. अब ये सिलसिला हरेक रविवार को जारी रहेगा.
आइए हम सब मिलकर एक सुंदर और स्वच्छ भारत का निर्माण करते हैं.
जय हिंद जय भारत.
नीतीश तिवारी
Sunday, November 9, 2014
वाह क्या बात है!
सुंदर वन
चंचल चितवन,
और
तुम्हारा ये भोलापन.
वाह क्या बात है!
होठों पर लाली,
तेरी चाल मतवाली,
और
मेरा जेब खाली.
वाह क्या बात है!
आँखों में सूरमा,
चेहरे पर बुर्क़ा,
और
मेरा फटा कुर्ता.
वाह क्या बात है!
बड़ा है लाजवाब,
तेरा दिलकश अंदाज़,
और
मुझको कर दे बर्बाद.
वाह क्या बात है!
जाने क्या थी बात,
जो तूने छोड़ा साथ,
और
जागा मैं सारी रात.
वाह क्या बात है!
लिखती है कहानी,
तेरी अल्हड़ जवानी,
और
हुई मेरी बदनामी.
वाह क्या बात है!
मस्त है ना! तो सोच क्या रहे हैं शेयर कीजिए ना...
शुभकामनाओं के साथ
नीतीश तिवारी
Sunday, October 26, 2014
और तुम भी हो.
आज कयामत की रात है, और तुम भी हो.
आज बग़ावत वाली बात है, और तुम भी हो.
आज उलझे हुए ज़ज्बात हैं, और तुम भी हो.
आज बिखरे से हालात हैं, और तुम भी हो.
आज मौसम में बहार है, और तुम भी हो.
आज साँसों में खुमार है, और तुम भी हो.
आज कोयल करती पुकार है, और तुम भी हो.
आज फिर से इतवार है, और तुम भी हो.
आज देश में फैला भ्रष्टाचार है, और तुम भी हो.
फिर भी हम बेरोज़गार हैं, और तुम भी हो.
nitish tiwary.
Sunday, October 5, 2014
motivational shayri.
manzil to milegi khud hi sahi,
raasta to tumhe hi banana padega,
pure honge armaan sare tere,
ummed ki kiran jagana padega.
raah mein honge tere kai mushkil,
par unse guzar kar jana padega,
dil jo bhatkega tera idhar se udhar,
is pagal dil ko samjhana padega,
kar guzarne ki chahat agar kuchh hai tujhme,
aasma se bhi tare salami denge,
gar kuchh na haasil huaa tujhse zindgi mein,
to har pal log tumhe badnaami denge.
everyours
nitish tiwary.
Saturday, October 4, 2014
Thursday, October 2, 2014
बुराई पर अच्छाई की जीत -दशहरा
पूरे देश में दशहरा व दुर्गा पूजा का पर्व हर्षौल्लास के साथ मनाया जा रहा है. मेरे गाँव में भी हमेशा की तरह माँ दुर्गा का भव्य पंडाल लगा है और दुर्गा माँ की आराधना हो रही है.करीब दस साल बाद दुर्गा पूजा के समय घर पर हूँ, पुरानी यादें ताज़ा हो गयी हैं जब दशहरा के दिन हमलोग बचपन में नये नये कपड़े पहनते थे और मिठाई खाने के लिए घर के सभी बड़े लोग रुपय देते थे.
दशहरा व दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है. इसी दिन प्रभु श्रीराम ने रावण को मारकर लंका पर विजय प्राप्त की थी. माँ दुर्गा ने महिसासुर राक्षस को मारकर लोगों का क्ल्याण किया था. उस समय तो सत्य की जीत हुई थी और धर्म की स्थापना हुई थी.
लेकिन क्या वर्तमान समय में ऐसा कुछ हो रहा है? शायद नही. चारो तरफ भ्रष्टाचार और लूट मचा हुआ है . आज हमारे समाज में एक नही कई महिसासुर और रावण है जो समाज को अपने गंदे विचारों से खोखला करने पर तुले हुए है.जो लोग महिलाओं और बूढ़े लोगों का सम्मान नही करते वही आज ढोंगी बनकर बैठे हुए हैं हमारे देश में आज कई ऐसे बाबा और नेता हैं जो अपने अंदर कई बुराई का संग्रह्न किए हुए हैं और दूसरों को सत्य के मार्ग पर चलने को कहते हैं.
एक है निर्मल बाबा वो बोलता है- मिनी स्कर्ट पहनो और जींस पहनो कृपा बरसेगी .क्या बेहूदापन है यह . और मीडिया भी TRP और पैसे के लिए इस तरह के बकवास कार्यक्रम का प्रसारण करती रहती है जिससे लोगों को पथभ्रष्ट किया जा सके. और वो माँ बाप भी उतने ही दोषी हैं जो अपने बच्चों को इस तरह के कार्यक्रम में लेकर जाते हैं.
कभी हमारा भारत विश्वगुरु हुआ करता था. ये चाणक्य और स्वामी विवेकानंद की भूमि है जिन्होने पूरे दुनिया को धर्म का मार्ग दिखाया.हर साल सिर्फ़ रावण का पुतला जलाने से कुछ नही होगा. ज़रूरत है तो हमें अपने अंदर की बुराई को ख़त्म करने की और जिस दिन ये संभव हो जाएगा उस दिन से रावण के पुतले को जलाने की ज़रूरत नही पड़ेगी.
इस मौके पर भोजपुरी के स्टार गायक पवन सिंह के द्वारा गया हुआ एक भजन याद आ रहा है.."की मैया नाश करा हो ,बेडल जाता अत्याचार."
आप सभी को दुर्गा पूजा और दशहरा की हार्दिक शुभकामना.
हमेशा की तरह
आपका नीतीश
Wednesday, October 1, 2014
Monday, September 15, 2014
Best Shayri Ever...
मैं किसी के साँसों का तलबगार नही होता,
मैं किसी के मोहब्बत में बीमार नही होता,
यह सोचकर की मेरी ज़िंदगी बची है थोड़ी,
मैं किसी के क़र्ज़ का कर्ज़दार नही होता.
और झूठी कसमों और फीके वादों के बीच,
मैं किसी हसीना का प्यार नही होता,
लोग मन्नत करते हैं उसे पाने की हर रोज़ मगर,
ईद से पहले चाँद का दीदार नही होता.
इस सियासत ने कभी किसी को ना बक्शा,
वरना इस धरती पर भ्रष्टाचार नही होता,
ये तो हालात थे जिसने जीना मुहाल कर दिया,
वरना अपनी ज़िंदगी में मैं कभी बेकार नही होता.
nitish tiwary...
Friday, September 5, 2014
Shikari kudi-rap song.
मुझको तेरी बातों से ,
अब तो डर नहीं लगता है ,
जब -जब बढ़ती ये तन्हाई ,
सब कुछ अच्छा लगता है.
सब ने मुझको समझाया ,
इसके चक्कर में ना पड़ना ,
वो है एक शिकारी कुड़ी ,
उसका शिकार मत बन जाना.
पर तेरे दिल से मेरा connection
एक बार जो हो गया था fit
कैसे निकल पता ये दिल
इसमें नही था कोई exit.
अगर तू मुझसे करती प्यार,
दुनिया तुझे दिखला देता
लंदन पेरिस चीज़ ही क्या थी
चाँद की सैर करा देता.
CCD में डेट पे जाते,
MACD में बर्गर आज़माते
TAJ MAHAL में फोटो खिचवाते
MARINE DRIVE पर गाना गाते.
जोड़ी हमारी ऐसी होती,
सारी दुनिया देखकर जलती
करके सबका मीटर DOWN
हम तो चलते अपने TOWN.
पर तुझको ना जाने क्या हुआ,
मुझसे मेरा दिल ले लिया
उससे क्या तू खेलेगी
फिर से उसको तोड़ेगी.
तुझको हुआ है किससे crush,
बता दे मुझको अब के बरस
वो है क्या एक नया शिकार
उसका भी करेगी दिल बेकार.
written by :
nitish tiwary.
Monday, September 1, 2014
तू एक ग़ज़ल है.
उस गुज़रे हुए लम्हे में जी रहा हूँ,
जो तूने दिया दर्द वही सह रहा हूँ.
ये कैसी जुदाई ये कैसा ज़माना,
हक़ीकत में हो तुम या हो कोई फसाना.
ये सोचा मैने की तू एक ग़ज़ल है,
क्यूँ हर वक़्त तुझको ही मैं गा रहा हूँ.
वो पल भर का मरना वो पल भर का जीना,
हमें आज भी याद है वो सावन का महीना.
कभी पत्तों पर गिरती थी बारिश की बूँदें,
अब आँसू हैं मेरे और तस्वीर तेरी.
nitish tiwary.
Sunday, August 3, 2014
मौत का परवाना बना डाला.
मेरे ख्वाब रंगीन थे,ये हालत तो नही,
तेरा शबाब हसीन था,ये शराब तो नही.
तेरी चौखट पर मर मिटने को दिल बेताब था,
पर इस ज़ालिम दुनिया ने हमे खबर बना डाला.
सस्ते थे तेरे वादे लेकिन महँगी थी मेरी मोहब्बत,
पर इस भरे सावन को भी तुमने सूखा बंजर बना डाला.
आवारगी अगर होती तो पूरे मिज़ाज़ के साथ होती,
पर मेरी दिल्लगी को भी तुमने पल भर मे भुला डाला.
कभी दिलकश कभी दीवाना क्या क्या कहते थे लोग हमें.
पर तूने तो सिर्फ़ हमें मौत का परवाना बना डाला.
Thursday, July 10, 2014
Wednesday, June 25, 2014
Tuesday, June 10, 2014
ये शायर जवान नही है.
कौन कहता है इस दिल में तेरे निशान नही है,
शीशे के घर तो बहुत हैं पर पक्के मकान नही हैं,
उम्मीद के दियों को इन आँधियों ने बुझा डाला,
पुरानी हवेली के पीछे अब मेरी दुकान नही है.
सोचता हूँ फिर से निकलूं तेरी गली से,
अब वो रास्ता सुनसान नही है,
फिर से लिखूं कुछ तेरी याद में,
पर अब ये शायर जवान नही है.
with.....love.....your....nitish.
Sunday, June 8, 2014
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
कोई शब्द मिले,
कोई राग छिड़े,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
मोहब्बत फिर से हो,
इबादत फिर से हो,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
फ़िज़ाये फिर से महकें ,
घटायें फिर से बरसें ,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
फिर से वही रात हो,
थोड़ी सी मुलाकात हो,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
कँगना फिर से खनके ,
बिंदिया फिर से चमके ,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
नज़रें फिर से देखें ,
धड़कन फिर से धड़के ,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
फिर से तेरा दिदार हो ,
महकी फ़िज़ा में बहार हो,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
फिर से मुझे नींद ना आये ,
फिर से किसी कि याद सताये ,
तो मैं लिखूं एक ग़ज़ल।
नीतीश
Saturday, May 31, 2014
शायरी फिर से।
जलती हुई राख भी कम पड़ जाती है ,
जब तेरे दर्द की चुभन दिल को छू जाती है ,
और मैं तलाश करता हूँ उस साहिल को ,
पर हर बार ये दरिया धोखा दे जाती है।
लहू का रंग अगर लाल न होता ,
तो शायद तेरी गली में मैं बदनाम न होता ,
एक ख्वाब नज़र आता था तेरी आँखों में मुझको ,
वरना यूँ ही मैं तेरे मोहब्बत पे कुर्बान न होता।
Monday, April 21, 2014
कुछ पाने से पहले ,कुछ खोने बाद।
उस आवारगी को भुलाने से पहले ,
तेरी दीवानगी को मिटाने से पहले ,
हमने तेरा दिल निकाल दिया ,
अपना दिल जल जाने से पहले।
ज़ालिम,मोहब्बत तो तुमने कभी की ही नहीं,
दिखावा किया था, मेरा दिल तोड़ जाने से पहले,
और मैं भी बैठा रहा तेरे पहलू में,
अपनी हर सांस रुक जाने से पहले।
कि कोई अंदाज़ नया होता तो बयाँ करते ,
डूबती हुई कश्ती को सम्भल जाने से पहले ,
मेरी हर आरज़ू तेरी इंकार की मोहताज़ बन गई ,
मैं ख्वाब देखता रहा नींदों में,जग जाने से पहले।
मैं तो काफ़िर रहा हूँ बरसो तक ,
तेरे वज़ूद में ढल जाने से पहले ,
और ना जाने किस ख़जाने की तलाश करता रहा ,
हर एक दरिया में उतर जाने से पहले।
अगर आपको मेरी ये ग़ज़ल पसंद आयी हो तो शेयर जरूर करेँ।
धन्यवाद !
आपका
नीतीश
Saturday, April 19, 2014
Tuesday, April 8, 2014
sutta...the rap song.
वैधानिक चेतावनी: धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
लगा है मेरे दिल पे बट्टा
आज जला लूँ मैं एक सूट्टा. 2
धुआँ नही ये आक्सीजन है,
तेरी जुदाई का ईंधन है,
हर सुट्टे की कश मुझको,
देती एक नया जीवन है.
तुमने भुला दी अपनी यारी,
सुलग रही अब ये चिंगारी,
मुझको अब तुझसे क्या लेना,
सुट्टे से है मेरी दिलदारी.
लगा है मेरे दिल पे बट्टा
आज जला लूँ मैं एक सूट्टा. 2
हर party का action ये है,
अब तो सबका fashion ये है,
शोर में भी सन्नाटा जगाता,
सुन ले मेरा passion ये है.
मेरे लबों की प्यास थी ऐसी,
तेरे लबों से वो थी मिटती,
नही है मुझको अब ये आस,
आज मिला है सुट्टे का साथ.
लगा है मेरे दिल पे बट्टा
आज जला लूँ मैं एक सूट्टा. 2
चाहे हो कोई depression,
या कभी आ जाए recession,
एक सुट्टे की लत है मेरी,
मिटा देती है पूरा tension.
जब तू मुझको छोड़ गई थी,
मेरे दिल को तोड़ गई थी,
अब सारी मुश्किल धुएँ मे उड़ती,
बची-खुची वो राख मे झड़ती.
लगा है मेरे दिल पे बट्टा
आज जला लूँ मैं एक सूट्टा. 2
nitish.
Sunday, March 30, 2014
Tuesday, March 11, 2014
एक पैगाम उसके नाम।
कहीं खो ना जाये मुझमें तेरा वज़ूद ,
अपने दिल कि हसरतों को सम्भाल कर रखना।
कहीं बन ना जाए एक नया अफ़साना ,
अपनी इन अदाओं को छिपा कर रखना।
कहीं हो ना जाए बरसात इस मौसम में ,
अपने इस बादल को बचा कर रखना।
कहीं घायल ना कर दे तेरी ये नज़रें ,
अपनी इन आँखों में काजल लगा कर रखना।
कहीं मुश्किल ना हो जाए अब मुझे जीने में ,
अपनी इस धड़कन को बचा कर रखना।
everyours.
nitish.
Tuesday, March 4, 2014
Monday, February 24, 2014
बंदिशें,हसरतें और तुम.
बहुत बंदिशें हैं ज़माने की,
फिर भी बेताब हूँ तेरे दीदार को.
क्यूँ ना साथ मिले अब तेरा,
जब हम छोड़ आए अपने घर-बार को.
पलके झुकाए खड़ी हो तुम,
न जाने किसके इंतज़ार को,
दिल में कसक सी उठ रही है,
अब हो जाने दो इज़हार को.
कुछ हसरत मेरी निगाहों में है,
कुछ उलफत तेरी अदाओं में है,
कुछ बरकत उसकी दुआओं में है,
कुछ जन्नत तेरी वाफ़ाओं में है.
तेरी उलझी हुई इन ज़ुल्फों से,
हर बार सुलझ जाता हूँ मैं ,
तेरी कातिल भरी इन नज़रों में,
हर बार नज़र आता हूँ मैं.
अपने होठों की इन सुर्खियों पर,
अब नाम मेरा लिख दे तू,
अपने माथे की इस बिंदिया पर,
अब नाम मेरा लिख दे तू.
with love
your nitish.
Thursday, February 13, 2014
Sunday, January 26, 2014
Saturday, January 11, 2014
एक नज़र इधर भी।
तेरे शहर का मिज़ाज़ देखा ,
लोग बदनाम हैं एक नाम के खातिर।
उन परिंदो के पैर अब तक भटकते है ,
शायद उनका आशियाना अब भी अधूरा है।
साँझ ढलते ही दिल में एक तलब सी जगती है ,
रात में किसी परी का इंतज़ार हो जैसे।
तुम्हे आज़माने कि ख्वाहिश है तो किसी और से मिल ,
मेरे दिल के जज्बात अब खैरात नहीं रहे।
प्यार के साथ
आपका नीतीश
Thursday, January 2, 2014
तेरी मोहब्बत ही काफ़ी है.
उस टूटे हुए शीशे की औकात क्या,
खुद को देखने के लिए तेरा चेहरा ही काफ़ी है.
उस बिखरे हुए पत्ते की बिसात क्या,
खुद को समेटने के लिए तेरा आँचल ही काफ़ी है
उस सूखे हुए सागर की सौगात क्या,
खुद को डुबोने के लिए तेरा हुस्न ही काफ़ी है.
उस बिन मौसम बादल की बरसात क्या,
खुद को भिगोने के लिए तेरे आँसू ही काफ़ी हैं.
उस ठहरे हुए वक़्त की हालात क्या,
खुद को संभालने के लिए तेरी मोहब्बत ही काफ़ी है.
Wednesday, January 1, 2014
नववर्ष मंगलमय हो.
आप सभी को मेरे ब्लॉग की पहली वर्षगाँठ और नववर्ष की हार्दिक शुभकामना.
नववर्ष मंगलमय हो.
आज मेरे ब्लॉग को एक साल हो गये हैं.
मेरे सभी दोस्तों और ब्लॉग प्रशंसकों को मेरा शुक्रिया जिन्होने मेरे ब्लॉग को सराहा और अपने प्यार से मुझे अभिभूत किया.
आज इस नववर्ष के अवसर पर पढ़िए मेरी नयी कविता।
बीत गयी वो शाम,
आज नया आगाज़ है,
आँखों में नये सपने हैं,
होठों पे नये नगमें हैं.
धड़कन में एक दस्तूर है,
साँसों में नया सुरूर है,
उम्मीदोँ की नयी बहार है,
बदल रहा संसार है.
अपनों का एक साथ है ,
गैरों पर भी विश्वास है।
नए रौशनी की दरकार है ,
अँधियारा मिटने को तैयार है।
कुछ दुआओं पर भरोसा है ,
एक अमन की आशा है।
कुछ नया करने का इरादा है ,
यही नये साल से वादा है।
शुभकामनाओं के साथ
आपका नीतीश
Subscribe to:
Posts (Atom)