फिर मैंने अपनी धडकनों को रुकने के लिए कहा। वो इसलिए कि उसके कदमों की आहट धीमी पड़ती जा रही थी। उसके साँसों की खुशबू ने महकना बंद कर दिया था। पायल की…
Read moreकौन जानता है सच और झूठ के बीच का फासला, किसने गढ़े हैं इन दीवारों पर एक विरहन की व्यथा। कौन मेरे अरमानो की अर्थी को कंधा दे गया, किसने मेरे दुख …
Read moreImage credit: pexels मिला है मुझे मोहब्बत में सिर्फ़ धोखा, इसलिए मैंने तुझे इश्क़ करने से रोका, मुझे तेरी खुशी से कोई जलन नहीं है दोस्त, नहीं चाहता कि …
Read morePic credit: unsplash कमरे की दीवारें ये छत, लाल पर्दा सब मुझे घूरते हैं सब जानने की कोशिश में लगे हैं कि ये अकेला तन्हा होकर भी उनके साथ क्यों …
Read morePic credit: unsplash आज के लिए बस यही, मेरी तुकबंदी वाली शायरी 😊 खूबसूरत लम्हों के आने का इंतजार तेरी हँसी और ये पुरवईया बयार मेरी बढ़ती हुई साँसों …
Read moreगँवा तो दी तुमने मेरी बेशकीमती मोहब्बत, फिर ना कहना कि हमें आशिक़ी नहीं आती। बिना ख़्वाहिश के जो मिलती है दौलत, बेवफाओं के हिस्से वो कभी नहीं आती। बहते…
Read moreशर्त ये कि तुम बेवफा हो जाना, ख़्वाहिश ये कि मैं बदनाम शायर कहलाऊँ। बरसों तक तुम लौट कर ना आना, तेरी गुमशुदगी का मुक़दमा दर्ज करवाऊँ। आरजू मेरी कि तन…
Read moreलेखन से प्रेम और हासिल कुछ भी नहीं! क्या यही मेरा भाग्य है? 2023 का चौथा महीना भी खत्म हो गया। सच ही कहा गया है कि समय किसी के लिए नहीं रुकता। लेक…
Read morePic credit: unsplash फिसल कर गिरे और गिरकर सम्भल गए, हम अपने झोपड़ी और वो अपने महल गए। अरसे बाद बर्बादियों का हुजूम आनेवाला था, देखने की हिम्मत ना …
Read moreतेरी बेवफ़ाई वाले इरादे का क़त्ल करूँगा। तेरी वीरान ज़िन्दगी में मैं दख़्ल दूँगा, हिज़्र की रात बहुत लम्बी हो चली है, अगली सुबह से मैं सिर्फ़ वस्ल करूँग…
Read morePic credit: pixabay जब से आवारगी हमने छोड़ी, फिर किसी के नहीं हुए हम। Jab se awargi humne chhodi, Phir kisi ke nahi huye hum. तुम कितने दिल पर रोज व…
Read moreवही तारीख़ वही समय वही पल आज फिर आया है। जब तुम बिछड़े थे जब मैं तड़पा था सब साँसे रुकी थी जब रूह काँपी थी। वही तारीख़ वही समय वही पल आज फिर आया है। जब ध…
Read morePic credit: unspalsh आज तेरे आने की खुशी हुई, कल तेरे जाने का दुःख होगा। पतझड़ में सारे पत्ते सुख गए, वीराने में उदासी का एक बूत होगा। फिर कैसे जीवन…
Read moreतपते सहराओं को अब्र की दरकार है, मेरी तन्हाई को तेरी बिनाई का इंतज़ार है, तेरा ज़िक्र हो ही जाता है किसी वीराने में , लगता है कि मुझे अब भी तुमसे प्…
Read morePic credit: Unsplash अपने दर्द का सौदा करना चाहता हूँ, अपने ग़म का और मुनाफ़ा चाहता हूँ, मेरे जज्बातों का वजन बहुत ज्यादा है, अपने हालात पर थोड़ा …
Read more
Connect With Me