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Dard Shayari

Dard Shayari











मैं अब मेरी तकलीफ़ का तमाशा नहीं करता,

मैं अब किसी से मरहम की आशा नहीं करता।

वो जो अगर इतना खुद्दार था तो वफ़ा निभाता,

मुझे इश्क़ के लिए भूखा-प्यासा नहीं करता।


©नीतिश तिवारी।

 

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