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Monday, December 31, 2018
Saturday, December 29, 2018
Why congress is demanding ban on the movie- The Accidental Prime Minister.
Why congress is demanding ban on the movie- The Accidental Prime Minister.
हाँ जी भईया, तो बात ये है कि मनमोहन सिंह जी की जीवनी पर एक फ़िल्म बनकर तैयार है जिसकी रिलीज़ की तारीख 11 जनवरी 2019 तय की गई है। फ़िल्म का नाम है- The Accidental Prime Minister. फ़िल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू के किताब पर आधारित है। फ़िल्म में मनमोहन सिंह का किरदार अनुपम खेर ने निभाया है और संजय बारू का किरदार अक्षय खन्ना ने। और भी कुछ मंझे हुए कलाकार हैं जिन्हें देखना दिलचस्प रहेगा।
अब मीडिया सलाहकार का सीधा सा मतलब है कि आपके सरकार और कार्यकाल के बारे में बहुत सारी जानकारी रखना। जाहिर सी बात है कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान संजय बारू उनके मीडिया सलाहकार थे तो उनको भी बहुत सारी ऐसी बातें पता होंगी जो आम लोगों को नहीं पता है। तभी उन्होंने किताब भी लिखी थी।
अब आप सोंच रहे होंगे कि इसमें नया क्या है? बहुत सारे लोगों के बारे में किताब लिखी जाती है और उनपर फ़िल्म भी बनती है। नयी बात ये है कि फ़िल्म का ट्रेलर आते ही विवादों में घिर गई है। और कांग्रेस द्वारा इस फ़िल्म पर बैन लगाने की माँग भी की जा रही है। बैन इसलिए कि 2019 का आम चुनाव नजदीक है और फ़िल्म भी जनवरी में ही रिलीज़ हो रही है। काँग्रेस पार्टी को लगता है कि इससे उनका बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। भाई, फायदा तो वैसे भी नहीं होने वाला। 2019 में तो मोदी जी ही आएँगे। रही बात बैन लगाने की तो लगा दो। गिने चुने राज्यों में तो काँग्रेस की सरकार है। कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला।
इसमें कोई शक नहीं है कि मनमोहन सिंह जानकार और ईमानदार आदमी हैं। लेकिन उस ईमानदारी का क्या फायदा जब एक के बाद एक घोटाले हुए हों और आप देश के प्रधानमंत्री रहकर भी कुछ ना कर पाए। राजा के यहाँ नौकरी करनी अच्छी बात है लेकिन राजा का गुलाम बनना नहीं। अगर मनमोहन सिंह अपने पद का पूरा इस्तेमाल किये होते तो शायद उनको सबसे कमजोर प्रधानमंत्री ना कहा जाता। ना ही किताब लिखी जाती और ना ही फ़िल्म बनाई जाती। रही बात सोनिया गाँधी की तो वो लगभग राजनीति से सन्यास ले चुकी हैं और राहुल गाँधी को उनके ही पार्टी के लोग सीरियसली नहीं लेते। 3 राज्यों में जीतकर काँग्रेस जरूर इतरा रही होगी लेकिन ये काँग्रेस की जीत से ज्यादा NOTA और भाजपा की गलतियों का परिणाम था।
हाँ, एक बात जरूर है कि फ़िल्म रिलीज़ होने से बहती गँगा में हाथ धोने का काम भाजपा वाले जरूर कर लेंगे।
अनुपम खेर का कहना है कि इस फ़िल्म में उन्होंने अपने जीवन का बेहतरीन काम किया है। ठीक है, हो जाने दीजिए रिलीज़, देख लेंगे सबका काम। वैसे भी मेरा मानना है कि एक फ़िल्म के आ जाने से मनमोहन सिंह की छवि ना तो अच्छी हो जाएगी और ना ही बुरी। जैसी थी वैसी ही रहेगी।
और एक बात बता दूँ आपको।
2019 में तो मोदी जी ही आएंगे।
पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अच्छी लगी हो तो शेयर कर दीजियेगा।
©नीतिश तिवारी।
ये भी देखिए।
Tuesday, December 25, 2018
Ishq mein bagawat. इश्क़ में बगावत।
सुनो,
तुम्हें ये बार-बार
जो इश्क़ में
बग़ावत करने का
मन करता है ना
तो आज ही कर लो
इश्क़ में बग़ावत।
और फिर देखना,
तुम मेरी सियासत
इश्क़ में।
ये जो कबूतर
रोज तुम्हारी छत
पर बैठते हैं ना
उनको दाना हम डालेंगे
और उन्ही कबूतरों से
संदेशा भिजवाएंगे
किसी और के नाम।
इश्क़ को तिज़ारत
बनाने की जुर्रत
जो तुमने की है
उसकी सजा मुझे
मिल रही है।
लेकिन तुम परेशान
मत होना कभी
मोहब्बत में इबादत
मैं करूँगा
अपने इश्क़ की हिफाज़त
मैं करूँगा।
©नीतिश तिवारी।
Sunday, December 23, 2018
Friday, December 14, 2018
Thursday, December 6, 2018
Saturday, December 1, 2018
मोहब्बत में शह और मात।
तुम्हें क्या बताएँ दोस्तों दिल की दास्तान,
मोहब्बत में हमने शह और मात देखी है,
मेरी नम आँखों को देखकर आप हैं हैरान,
बिना बादल के हमने एक बरसात देखी है।
चाँद छुपता रहा चाँदनी के आगोश में,
फिर भी तन्हाई वाली हमने वो रात देखी है।
ज़ुल्फ़ें सँवरती रही न जाने किस किस की,
अपनी उलझनों की हमने सौगात देखी है।
अब मंज़ूर नहीं मोहब्बत के कायदे हमको,
इस खेल में शतरंज की हर बिसात देखी है।
©नीतिश तिवारी।
Sunday, November 4, 2018
Monday, October 29, 2018
लघुकथा- माशूक़ा का कॉन्ट्रैक्ट।
माशूक़ा का कॉन्ट्रैक्ट।
भोला यादव इश्क़ में नाक़ाम हो जाने के बाद शहर के मशहूर डॉन अज्जू भाई के पास काम के लिए पहुँच चूका था। अपराध की दुनिया में अज्जू भाई को नए लड़कों को काम देने के लिए जाना जाता था।
"अज्जू भाई ये नया लड़का गैंग ज्वाइन करना चाहता है। " अज्जू भाई के ख़ास ने उनसे परिचय करवाते हुए कहा।
"क्या नाम है रे तेरा ?"
"जी, भोला, भोला यादव।"
"ठीक है भोला ये ले फोटो। इसके पीछे पूरी डिटेल लिखी हुयी है। इसको कल टपकाना है।"
अज्जू भाई ने बिना देर किये हुए फोटो का लिफाफा थमा दिया और काम पर लग जाने को कहा।
भोला ने जैसे ही लिफ़ाफ़ा खोला, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। फोटो एक लड़की की थी। वही लड़की जिसने प्यार में भोला को ये कहकर धोखा दिया था कि 'तुम अभी भोले हो।' फोटो के पीछे कल लड़की को मारने का समय लिखा था- शाम को 5 बजे सिटी मॉल के बाहर।
भोला ने बिना किसी देरी किये अज्जू भाई को फोन मिलाया।
"भाई, मैं भोला।"
"हाँ, बोल।"
"भाई इस लड़की को कौन मरवाना चाहता है?"
"अरे तुझे उससे क्या? जो काम दिया है चुपचाप उसे कर।"
"पर भाई बताओ तो।"
"इसका पति इसे मरवाना चाहता है, उसी ने इसकी सुपारी दी है।"
भोला ने फोन काट दिया और सोचने लगा कि कैसे वो एक लड़की को मार पायेगा जिससे उसने कभी प्यार किया था।
रात भर के सोंच विचार के बाद उसने निर्णय लिया कि उसके पास कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि वो ये मर्डर नहीं करेगा तो अज्जू भाई उसे छोड़ेंगे नहीं।
अगले दिन शाम को चार बजे से ही भोला और उसके साथी सिटी मॉल के बाहर जमा हो गए। भोला ने काम करने का निर्णय तो ले लिया था लेकिन उसके मन में एक अजीब सा द्वन्द चल रहा था। अचानक उसने मोबाइल निकाला और मैसेज टाइप किया।
"मैं तुम्हें शाम को 5 बजे सिटी मॉल के बाहर शूट करने वाला हूँ, अपनी जिंदगी चाहती हो तो मत आना।"
तुम्हारा भोला।
मैसेज सेंड करके उसने उसे डिलीट कर दिया और घड़ी की तरफ देखने लगा , अभी भी 5 बजने में 20 मिनट बाकी थे।
भोला और उसके साथी एलर्ट हो गए। कुछ ही मिनटों में मॉल के गेट के पास एक कार आकर रुकी, उसमें से एक आदमी और उसके साथ वो लड़की बार आयी। भोला ने तुरंत उसे पहचान लिए। भोला के दिल में एक अजीब सी हलचल हुई।
उसने गन लोड किया और निशाना लगाने लगा, भोला को गुस्सा भी आ रहा था कि वो लड़की आयी ही क्यों जबकि उसने मैसेज कर दिया था। चंद लम्हों में भोला को गोली चलानी ही थी, उसने तुरंत गोली चला दी। लेकिन गोली लड़की को नही बल्कि उसके हसबैंड को लगी। शायद भोला ने अंतिम समय में निर्णय ले लिया था। अपने प्यार को जिंदा रखने की और अपना फर्ज पूरा करने की।
©नीतिश तिवारी।
Sunday, October 7, 2018
मुलाक़ात होने वाली है.
आज उनसे एक मुलाक़ात होने वाली है,
जो अधूरी रह गयी थी, वो बात होने वाली है.
चाँद, तारे सब आ जाओ गवाह बनने,
फिर से वो चाँदनी रात होने वाली है.
इश्क़ में डूब जाने का लंबा इंतज़ार किया है मैंने,
अपने महबूब से मोहब्बत की शुरुआत होने वाली है.
भींग जाऊँगा मैं उन्हें आगोश में लेकर,
आज मोहबत की नयी बरसात होने वाली है.
©नीतिश तिवारी।
Saturday, October 6, 2018
ऐसा हुनर रहता है।
तेरे होने से ना जाने क्यों मुझे डर लगता है,
ऐसा तो नहीं कि तेरे पास कोई खंज़र रहता है।
भरोसे के लायक ना तूने मुझे छोड़ा ना ज़माने को,
अब तो इन आँखों में आँसुओं का समंदर रहता है।
मोहब्बत से, रुसवाई से, दोनों से नवाज़ा है तूने,
तुम जैसे लोगों में ही तो ऐसा हुनर रहता है।
यकीं मैं दिलाऊँ भी तो अपने दिल को किस तरह,
जब तेरे जैसा हरजाई इस दिल के अंदर रहता है।
©नीतिश तिवारी।
Monday, October 1, 2018
युद्ध रचाती हो।
जान-जान कहके तुम मेरी जान ले जाती हो,
दूर रहकर भी मोहब्बत का एहसास कराती हो।
ये बिंदी, ये काजल, श्रृंगार नहीं हथियार हैं तुम्हारे,
इन कातिल अदाओं से मेरे दिल में युद्ध रचाती हो।
पलकें झपका के जब नज़रें मिला जाती हो,
घायल बनाकर फिर मेरा इलाज़ कर जाती हो।
ये तुम्हारे जीने की अदा है या मुझे तड़पाने की,
मौसम कोई भी हो बस तुम मुझपे बरस जाती हो।
©नीतिश तिवारी।
Thursday, September 6, 2018
Monday, September 3, 2018
इतनी हसीन क्यों हो तुम?
कल रात मैंने सोंचा
तुम्हें अपनी शायरी में
लिख देता हूँ
पर जब लिखने बैठा
तुम तो ग़ज़ल बन गयी।
अपनी डायरी में
तुम्हारा नाम लिखते
वक़्त मैंने सोंचा
कि इतनी हसीन
क्यों हो तुम
मेरे दिल का सुकून
क्यों हो तुम।
फिर अचानक खयाल
आया कि तुम तो
वही हो जिसे
खुदा ने तराशने में
कोई कसर ना छोड़ा
तेरी सूरत और सीरत
दोनों को
लाजवाब बनाया है।
कि तुम अपनी
आँखों से किसी
का क़त्ल कर सको
फिर भी लोग
तुम्हें बेगुनाह कहेंगे।
और इसका कारण
सब जानते हैं
मैं भी तुम भी
कि तुम इतनी
हसीन जो हो।
©नीतीश तिवारी।
Thursday, August 23, 2018
Sunday- Short Story (laghukatha)
वरुण ऑफिस से घर आया तो पत्नी को गुस्से में पाया। उसने पूछ ही दिया, "क्या हुआ वंदना, क्यों गुस्से में नजर आ रही हो?" वंदना ने मुँह चिढ़ाते हुए तपाक से जवाब दिया, "गुस्सा ना करूँ तो क्या करूँ, आपने पिछले संडे वादा किया था कि इस संडे फिल्म दिखाऊंगा। और आज आप संडे को भी काम पर चले गए।" वरुण ने विनम्रता पूर्वक अपनी पत्नी से बोला, "इस संडे काम करने इसलिए गया था ताकि अगले संडे हमलोग फिल्म देखने जा सकें। मेरे पास पैसे नहीं थे।" वंदना चुपचाप खड़ी पति के चेहरे को निहार रही थी।
©नीतिश तिवारी।
Tuesday, August 21, 2018
Saturday, August 18, 2018
Adhura Pyaar.(incomplete love)
आज सुबह जब पत्नी के साथ बैठकर चाय के साथ अख़बार पढ़ रहा था तो अचानक ही एक जाना पहचाना चेहरा दिखा. खबर थी कि,"सरपंच के रूप में उत्कृष्ट काम कर रही हैं नीलिमा". उसका नाम पढ़ते ही दिल में एक हलचल सी हुई. ये वही नीलिमा थी जो इंजीनियरिंग की तैयारी करते समय कब दोस्त बन गयी और दोस्ती कब प्यार में बदल गयी, पता ही नहीं चला था. पत्नी के जाने के बाद मैने ध्यान से फोटो देखा और खबर पढ़ी.
पर हैरान इस बात से था कि वो तो IIT Delhi से बीटेक कर चुकी थी. फिर सरपंच कैसे बन गयी.
कई बरसों बाद आज अचानक से उससे बात करने का मन हो रहा था. लेकिन मेरे पास उसका कोई नंबर नहीं था. दिन भर ऑफीस में इंटरनेट पर उसे ढूंढता रहा.
फिर फेसबूक पर एक फ़्रेंड से उसका नंबर मिला. ऑफीस से निकलते ही मैने फ़ोन मिलाया.
'हैलो, कौन?" उधर से एक मीठी आवाज़ आई.
कुछ सेकेंड तक मैं चुप रहा. फिर बोला, "मैं बोल रहा हूँ."
"मैं कौन?" उसने सवाल किया.
फिर भी मैं चुप रहा. फिर थोड़ी देर बाद उससने बोला, "कौन? रोहित?"
मैने कहा, "हाँ".
शायद अब भी उसे मेरी खामोशी को महसूस करने की आदत थी. मैने कहा, "तुमने तो बीटेक किया था फिर ये सरपंच कैसे?". उसने जवाब दिया," जब तुम्हारा सेलेक्शन IIT में नहीं हो पाया था तो मैने किसी तरह इंजीनियरिंग कर तो लिया पर नौकरी नहीं कर पायी. अब यहीं अपने गाँव में हूँ."
मैने फिर सवाल किया, "और शादी क्यूँ नहीं की?".
वो बस इतना बोल पायी, "क्या फ़ायदा?".
बस इतना कहकर उसने फ़ोन काट दिया.
आज मुझे फिर से उसके प्यार की कमी महसूस हो रही थी.
©नीतिश तिवारी।
Monday, July 23, 2018
Sunday, July 8, 2018
Friday, July 6, 2018
Main tumhe bhula du kya...
मैं तुम्हें भूला दूँ क्या
मैं खुद को सज़ा दूँ क्या
तुम्हारे ख़तों की स्याही
अब मिटने लगी है
मैं इन ख़तों को जला दूँ क्या
मेरी आँखों में अब भी
तेरा चेहरा नज़र आता है
मैं अपने घर से आईने
को हटा दूँ क्या
बेवफ़ा तुम निकली और
इल्ज़ाम हम पर आया
मैं पूरी दुनिया को
ये बात बता दूँ क्या
बहुत मगरूर हैं
लोग मोहब्बत में
तुम्हारी बेवफाई की
दास्तान सुनाकर सबको
नींद से जगा दूँ क्या
मैं तुम्हें भुला दूँ क्या
मैं खुद को सज़ा दूँ क्या
©नीतिश तिवारी।
Friday, June 29, 2018
Monday, June 18, 2018
रात की तन्हाईयाँ।
रात की तन्हाईयाँ
और तुम्हारी खामोशियाँ
दोनो एक साथ
मौजूद क्यों हैं।
ये कैसा सितम है
मुझ पर
या कोई ज़ुल्म
किया है हालात ने।
खयालों के ख्वाब
बुनते-बुनते
मैं थक सा गया हूँ
भीड़ में तुम्हें
ढूंढते-ढूंढते
मैं थक सा गया हूँ।
मशाल की तलाश है
पर एक चिंगारी भी
मौजूद नहीं
मैं तुझको कैसे भुला दूँ
ये समझदारी भी
मौजूद नहीं।
©नीतिश तिवारी।
Sunday, June 17, 2018
Sunday, June 10, 2018
तुम्हारी माँग का सिंदूर।
ये जो तुम्हारी माँग
में सिंदूर है ना
ये सिर्फ सिंदूर नहीं
बल्कि मेरे जीवन
का दस्तूर है।
और ये तुम्हारी
माथे की बिंदिया
प्रतीक है मेरी
उन्नति का
प्यार में और
जीवन में भी।
ये तुम्हारी सुरमयी
आँखों का काजल
सम्मोहित करता है
तुम्हें जी भरके
निहारने को
बस तुम्हीं में
खो जाने को।
तुम्हारे होठों की लाली
का ऐसा जादू है
कि शब्द कम पड़
जाते हैं तारिफ में
फिर भी मैं
अपने को कवि
कहता हूँ।
©नीतिश तिवारी।
Wednesday, June 6, 2018
तुम भी कभी हमारे थे।
अकेले दरिया पार किया, मेरा साथी छूटा किनारे पे,
मंज़िल तो छूटनी ही थी, जब रास्ता भटका चौराहे पे।
बिखर गए थे ख्वाब मेरे, पर तुम्ही ने तो सँवारे थे,
याद आता है वो लम्हा, जब तुम भी कभी हमारे थे।
बरसात की बूँदें और तुम्हारे आँसू, दोनों को हमने संभाले थे,
तेरे आँचल की छाँव में, कई लम्हे हमने गुजारे थे।
कभी यकीन ना था कि तुमसे हम बिछड़ जाएंगे,
तेरी मोहब्बत में तुझसे ज्यादा हम खुदा के सहारे थे।
©नीतिश तिवारी।
Wednesday, May 30, 2018
Kaun kiska- Zee News BJP ka ya NDTV congress ka?
Kaun kiska- Zee News BJP ka ya NDTV congress ka?
जी हाँ दोस्तों, अगर आप आजकल न्यूज़ चैनलों को देखेंगे तो ऐसा ही लगेगा कि सारे चैनल किसी ना किसी पार्टी से संबंध रखते हैं। आइये शुरुआत ज़ी न्यूज़ से ही करते हैं। इस चैनल को देखकर लगता है कि देश का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी चैनल बस यही है। इसके सबसे बड़े एंकर में से एक सुधीर चौधरी का अगर बस चले तो ये आज ही पाकिस्तान पर हमला करके उसे भारत में मिला दें। आइये अब बात करते हैं NDTV की। इस चैनल पर हमेशा ये आरोप लगता है कि ये वामपंथियों और कांग्रेसियों का चैनल है। इस चैनल के दो सबसे बड़े चर्चित एंकर बरखा दत्त और रविश कुमार हैं। बरखा मैडम के interview लेने की कला पर अगर आप गौर करेंगे तो पता चलेगा कि दुनियाँ के सारे नकारात्मक और विवादित सवाल सिर्फ इनके दिमाग में ही आते हैं। इन्हें ऐसा लगता है कि विवाद पैदा करना मिडिया का जन्मसिद्ध अधिकार है। अरे भईया TRP का भी मसला है। अब बात करते हैं रविश कुमार की। ये भी बहुत चर्चित रहते हैं। कभी अपने ब्लॉग के लिए तो कभी अपने फेसबुक पोस्ट के लिए। इनको इस बात का सबसे बड़ा मलाल है कि मोदी जी इनको interview नहीं दे रहे हैं। भाई साहब जब आप देश विरोधी नारे लगाने वाले कन्हैया का interview लेने में सबसे आगे रहोगे तो आपको मोदी जी के interview की क्या जरूरत है।
अपने आप को मीडिया जगत के धुरंधर मानने वाले दो और लोग हैं। पहला नाम है अर्नब गोस्वामी का और दूसरा नाम है अमीश देवगन का। इन दोनों का ज़िक्र मैं एक साथ इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि दोनों लगभग जुड़वा भाई लगते हैं। शक्ल से नहीं बल्कि इनके डिबेट करने के अंदाज़ से। इन दोनों के कार्यक्रम को डिबेट नहीं, डिजिटल अखाड़ा का नाम दिया जाए तो गलत नहीं होगा। हाँ,मतलब कार्यक्रम में प्रवक्ता को बुलाकर उसकी बेज्जती करना कोई इनसे सीखे। अर्नब गोस्वामी तो चिल्लाने के मामले में सन्नी देओल को भी पीछे
एक और साहब हैं जिनका नाम है- पुण्य प्रसून वाजपेयी। ये भी मोदी जी का interview लेना चाहते हैं पर इनको भी रविश कुमार की तरह अभी तक सफलता नहीं मिली है। इसलिए ये समय- समय पर दूसरे शायरों की शायरी के जरिए ट्वीट करके मोदी सरकार पर कटाक्ष करते रहते हैं।
बस, अब ज्यादा नहीं लिखूंगा नहीं तो ये तमाम लोग मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर देंगे। और मुझे तो केजरीवाल की तरह माफी माँगना भी नहीं आता।
पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो शेयर कीजिए।
ये भी पढिए: NDTV के क्रन्तिकारी पत्रकार रवीश कुमार ने अपने FAN को थप्पड़ मारा।
©नीतिश तिवारी।
Tuesday, May 15, 2018
Sunday, May 6, 2018
Saturday, May 5, 2018
जिन्ना-जिन्ना करते हो तुम...
जिन्ना- जिन्ना करते हो तुम, तुमको चाहिए आज़ादी,
भगत सिंह जो फाँसी पर चढ़े वो बोलो फिर क्या थी।
देश में रहकर देशद्रोही बनते फिरते हो तुम,
ये काम किसी और के इशारे पर करते हो तुम।
सालों पहले देश बँट गया तुम जैसे लोगों के कारण,
इस बार देश नहीं बंटेगा चाहे कर लो कितने जतन।
पढ़ने की जगह पर तुम सिर्फ नारे लगाने जाते हो,
भारत में रहकर तुम क्या पाकिस्तान का खाते हो।
कितना भी तुम चिल्ला लो, इन नारों में वो बात नहीं,
बाहरी आदमी देश बँटवा दे उसकी अब औकात नहीं।
©नीतिश तिवारी।
Wednesday, May 2, 2018
Sunday, April 29, 2018
Wednesday, April 18, 2018
Thursday, April 5, 2018
Tuesday, April 3, 2018
Got married.
पिछले कुछ दिनों से अत्यधिक व्यस्तता के कारण आप सभी से मुख़ातिब नहीं हो पाया। दिनांक 10 मार्च 2018 को विवाह सम्पन्न हुआ। परम पिता परमेश्वर का धन्यवाद।
ज्यादा कुछ ना कहते हुए बस कुछ पंक्तियाँ अपनी अर्धांगिनी के लिए।
ये पल बहुत खूबसूरत है,
इसमें तुम जो हो।
शुक्रिया तुम्हारा मेरी अर्धांगिनी बनने के लिए।
Nitish.
Sunday, March 18, 2018
Thursday, March 1, 2018
व्यंग--गुलाल, कंगाल, मालामाल।
किसी ने रंग उड़ाये, किसी ने गुलाल,
नीरव मोदी पैसा उड़ाया, बैंक हुआ कंगाल।
शौचालय,बिजली,घर से किया सबको मालामाल,
सब जगह मोदी जी छाये, कांग्रेस का हुआ खस्ता हाल।
लालू जी की बेल हुई है नामंजूर,
और होली में रहेंगे अपने घर से दूर।
केजरीवाल ने कुमार विश्वाश को दिखाई ऐसी सुनामी,
बन गए वो राजनीति में सबसे कम उम्र के आडवाणी।
होली में भाभी बनाएं मालपुआ, लेकिन हमरा चाही रसपुआ,
बड़कन के लिहीं आशीर्वाद, छोटकन के दिहीं हम दुआ।
होली की शुभकामनाओं के साथ,
आपका
©नीतिश तिवारी।
Wednesday, February 28, 2018
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