Mehndi Rachaye toh hoge.
कुछ रंग प्रीत के सजाए तो होगे,
गीत मेरे कभी गुनगुनाए तो होंगे।
जानता हूँ तुम्हें कोई भाता नहीं है,
तुम मुझे देखकर मुस्कुराए तो होगे।
उलझनों से सुलझती मोहब्बत हमारी,
मेरे दिल में है बसती ये चाहत तुम्हारी।
मुझको आने लगी है अजब खुशबू,
हाथ मेंहदी से तुमने रचाए तो होंगे।
©नीतिश तिवारी।
Kya baat jabardast tiwari ji
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद भाई।
DeleteVery nice
ReplyDeleteThank you!
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