मुझे इश्क़ है तुमसे, मैं इसका इज़हार करूँगा,
मोहब्बत के रश्म के लिए खुद को तैयार करूँगा,
खुद को कभी अकेला मत समझना तुम,
इस जनम में क्या, हर जनम में तुम्हें प्यार करूँगा।
Mujhe ishq hai tumse, main iska izhaar karunga,
Mohabbat ke rasm ke liye khud ko taiyaar karunga,
Khud ko kabhi akela mat samjhna tum,
Is janam mein kya, har janam mein tumhe pyar karunga.
©नीतिश तिवारी।
8 Comments
वाह !! बहुत खूब ..
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (31-05-2019) को "डायरी का दर्पण" (चर्चा अंक- 3352) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
Deletekyaa likha hai kama kar diyaa
ReplyDeleteThanks a lot
Deleteawesome shayari
ReplyDeleteThank you!
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।