Pic credit: Google. पवित्र समय का प्रेम मिलन अपराधबोध कैसे हुआ। जब दोनों की सहमति थी फिर ये अवरोध कैसे हुआ। क्यों मन तेरा लगता नहीं मेरा भी कुछ अच्छा…
Read morePic credit: Google. प्रेम में साथ दोगी तो मैं खुद को राजा और तुम्हें अपनी रानी कहूँगा। अगर जुदा हो गयी मुझसे तो खुद को फ़कीर फिर भी तुम्हें रानी कहू…
Read morePic credit: Google. प्रेम में भाव विभोर होना कोई कुदरती करिश्मा नहीं अपितु इन्सानी शातिर मस्तिष्क का नतीजा है। Prem m…
Read moreमैं प्रेम लिखता हूँ, प्रेम में मिला दर्द लिखता हूँ। लोगों को प्रेम और दर्द एक साथ पसंद नहीं आते फिर मैं रात वो सर्द लिखता…
Read morePhoto credit: twitter. भावनाओं के उदगार में बहता हुआ प्रेम कभी मुक़म्मल नहीं हो पाता है। शायद उसे जरूरत होती है एक कठिन फै…
Read morePic credit : Pinterest. आज कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर एक कविता तू मेरे लिए 16108 रानियों के बराबर है, और मेरा …
Read moreअगर शब्दों में पिरो दूँ तुम्हें तो मेरी अमृता हो तुम, इज़हार कैसे करूँ, चुनावी आचार संहिता हो तुम। इंतज़ार की घड़ी खत्म हुई अब ऐत…
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