प्रेम में भाव विभोर होना।
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प्रेम में भाव विभोर
होना कोई कुदरती
करिश्मा नहीं अपितु
इन्सानी शातिर मस्तिष्क
का नतीजा है।
Prem mein bhaw vibhor
Hona koi kudrati
Karishma nahi apitu
Insani shatir mastishk
Ka nateeja hai.
©नीतिश तिवारी।
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4 Comments
ये भी एक पहलू है ...
ReplyDeleteसही कहा आपने। धन्यवाद।
DeleteWabash
ReplyDeleteWaah
ReplyDeleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।