आज उनसे एक मुलाक़ात होने वाली है,
जो अधूरी रह गयी थी, वो बात होने वाली है.
चाँद, तारे सब आ जाओ गवाह बनने,
फिर से वो चाँदनी रात होने वाली है.
इश्क़ में डूब जाने का लंबा इंतज़ार किया है मैंने,
अपने महबूब से मोहब्बत की शुरुआत होने वाली है.
भींग जाऊँगा मैं उन्हें आगोश में लेकर,
आज मोहबत की नयी बरसात होने वाली है.
©नीतिश तिवारी।
4 Comments
बहुत खूब ...
ReplyDeleteइस मुलाक़ात और प्रेम का एहसास करने ये प्राकृति तो है न ...
वो और आपके शब्द गवाह रहेंगे ... लाजवाब ...
बहुत बहुत धन्यवाद।
DeleteYour lines are are very good, wonderful convert your line book form with Online book publisher in India
ReplyDeleteThank you
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।