आईना झूठा, सूरत सच्ची,
अल्फ़ाज़ अधूरे, ग़ज़ल अच्छी,
मोहब्बत में ये कमाल हो गया,
मेरा इश्क़ बेमिसाल हो गया।
कड़वाहट नीम के पत्तों जैसी,
मोहब्बत मीठी शहद जैसी,
नींद पूरी, ख्वाब अधूरे,
ज़ख्म गहरे, दर्द करारा,
नज़्म मैंने ऐसी लिखी,
सारे शहर में बवाल हो गया,
फिर भी वो अनजान रहे,
उनको ना कुछ खयाल रहा,
उन्हें पाने का मलाल रह गया,
मेरा इश्क़ बेमिसाल हो गया।
©नीतिश तिवारी।
1 Comments
Very nice sir thanku.... RSCIT Notes
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