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हमरा पर भरोसा काहे नइखे।
तुम्हें हमेशा के लिए भुला दिया।
मुफ़्त की सलाह बेवज़ह ही क्यों दी जाती है?
तुम आग नहीं बनना अबकी बार, मैं पत्थर दिल बन जाऊँगा।
शाम को सहर कर गयी है।
बेटा या बेटी --समाज की सच्चाई।
गाँव की लड़कियों में भी अजीब चलन का दौर है।