पहले हिमाकत की थी, अब फरियाद करता हूँ, जा तुझे मैं अब इस, पिंजरे से आज़ाद करता हूँ, उन आँखों में मत बसना , जो गंगा यमुना बहाती …
Read moreमत छीन सुकून मेरा इन आँखों से, तेरे दीदार का सिर्फ़ ये ही एक सहारा है . अगर अंज़ाम की फ़िक्र होती तो मोहब्बत ना करते, हमें तो ते…
Read moreभटकते राहों में भी मंज़िल की तलाश रहती है. सूखे दरिया में भी एक पानी की प्यास रहती है. सूनी गलियों में भी उसके आने की आस रहती …
Read moreतुम जो बसे परदेश पिया, मैं हूँ अपने देश पिया, जब याद तुम्हारी आती है, मेरे जिया को तड़पाती है . तेरे नाम की खुश्बू जब-जब, मेरे …
Read morePic credit: Google. हमें आदत थी पत्थर के मकानों में ठहरने की, कभी एहसास ही नहीं हुआ कि दिल सीसे का बना है। हमारी मोहब्बत का बस इतना सा पै…
Read moreजब चाँद छुप जाता है बादल में, तब तेरे चहरे की चमक देती है रौशनी। जब रात गुजरती है तेरी बाँहों में, तब तेरे बदन कि खुशबू देत…
Read moreतूफानों में भी एक मंज़र याद रहता है, इन आँसूओं का समंदर साथ रहता है। उभरते हुए इन ज़ख्मों के साथ , तेरा दिया हुआ हर सितम याद …
Read moreमचलता है जिस्म तो मिलता है रूह को सुकून , इश्क़ वो दरिया है जिसमे गोते लगाते हैं सभी। हर बार चला देता है वो अपने तरकश का तीर , कम्बख्त म…
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