तूफानों में भी एक मंज़र याद रहता है,
इन आँसूओं का समंदर साथ रहता है।
उभरते हुए इन ज़ख्मों के साथ ,
तेरा दिया हुआ हर सितम याद रहता है।
कोशिश तो कि थी हमने तुझे भुलाने कि ,
पर हर जाम में तेरा अक्स साथ रहता है।
हर बार पूछते हैं लोग इस तन्हा दिल से,
कौन है वो खुशनसीब जो तेरे साथ रहता है।
इस ज़िंदगी और ज़माने से कोई शिकायत नहीं ,
सुकून तो है कि तेरा मोहब्बत साथ रहता है।
प्यार के साथ
आपका नीतिश।
4 Comments
बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनई पोस्ट : मेघ का मौसम झुका है
धन्यवाद सर
Deleteबहुत ही सहज शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने..... खुबसूरत अभिवयक्ति....
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
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