Dedicated to my Adorable Wife.
अधूरे ख्वाब थे मेरे अब पूरे हुए तुमसे,
तेरी खामोशियों ने मेरे ख्वाबों को जगा दिया।
रास्ते थे खो गए मंज़िल भी ना थी कोई,
अंधेरे रास्तों पर तुमने चलना सीखा दिया।
तेरी मुस्कुराहट का मैं सज़दा करूँ हर पल,
तेरे होंठो की लाली ने मुझे हँसना सीखा दिया।
तेरी आँखों के काजल ने जादू किया ऐसा,
ज़माने की बुरी नज़र से हमको बचा लिया।
©नीतिश तिवारी।
16 Comments
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (20-02-2019) को "पाकिस्तान की ठुकाई करो" (चर्चा अंक-3253) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।
Deleteबहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति। शुभकामनाएं...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deletebahut khoob
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteबहुत-बहुत सुंदर रचना। शुभकामनाएं आदरणीय ।
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteबहुत खूबसूरत... भावपूर्ण...
ReplyDeleteवाह!!!
बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteबेहतरीन
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
DeleteLovely lines... so beautifully presented!
ReplyDeleteThanks a lot.
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।