ऐसा कहा जाता है कि मुसाफिर का काम भटकते रहना है। अगर मुसाफिर को मंजिल मिल जाए तो फिर उसका मुसाफिर होने का वजूद खत्म हो जाता है। तभी तो मुसाफिर को ख्व…
Read morepic courtesy: pinterest तुम्हारी ख्वाहिशें और मेरे सपने। सर्दी नहीं पड़ रही है इस बार, जानती हो क्यों? क्यूँकि हमारे रिश्तों…
Read morePic credit : Pinterest. मैं बदन को सवारूँ या अपने नसीब को सवारूँ, तुझे दिल में बसा लूँ या अपने दिल से उतारूँ, ख़्वा…
Read moreDedicated to my Adorable Wife. अधूरे ख्वाब थे मेरे अब पूरे हुए तुमसे, तेरी खामोशियों ने मेरे ख्वाबों को जगा दिया। रास्…
Read moreसवाँरु तेरी पलकों से कोई ख्वाब मैं, अंधेरों में खो जाऊं बनके कोई जवाब मैं, गुज़ारा नही होता तेरी यादों के बिना, किस-किस तरह दूँ प…
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