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Zindagi ke sabak | ज़िन्दगी के सबक।

 





एक उम्र लग जाती है किसी को अपना बनाने में,
कोई पल भर में ही दिल चुरा ले जाता है,
तुम यूँ कशमकश में क्यों उलझे हुए हो,
ज़िंदगी के सबक तो आदमी खुद ही सीख जाता है।

Ek umr lag jati hai kisi ko apna banane mein,
Koi pal bhar mein hi dil chura le jata hai,
Tum yu kashmaksh mein kyun uljhe huye ho,
Zindgi ke sabak to aadmi khud hi seekh jata hai.

©नीतिश तिवारी।


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4 Comments

  1. अक्षर-अक्षर सत्य है आपकी इस बात का नीतिश जी।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद!

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