हर शाख पे बैठी थी उम्मीदें पैर पसार,
कब टूट गयी वो डाली पता ही ना चला.
ना खुद पर यकीन है ना तुझ पर ऐतबार है,
इस मोहब्बत ने कर दिया जीना दूस्वार है,
कशमकश मे है हालत अब मेरे,
ना तुम ही गैर हो ना अपनों से ही प्यार है.
राही को मंज़िल नही,कश्ती को साहिल नही,
किसी के तुम नही, किसी के हम नही,
अजीब दास्तान है ,इस बेदर्द जमाने का,
कोई दिल में नही, कोई दिल से नही.
ना देखा ऐसा रूप ना देखी ऐसी श्रिगार,
तेरे चेहरे की हँसी मे है खुशियाँ अपार,
सच हो गये मेरे सपने अब तुम पर है ऐतबार,
लोग कहते हैं की यही है सच्चा प्यार.
अगर तेरी नज़र है कातिल, तो शिकार हम होंगे,
अगर तेरा बदन है संगमरमर, तो खरीदार हम होंगे,
अगर तू है कोई शहज़ादी, तो पहरेदार हम होंगे,
अगर तेरी मोहब्बत मे है धोखा,तो तेरा प्यार हम होंगे.
बहुत सुंदर लिखते हैं आप | पर जैसा की देख रहा हूँ, आपके पोस्ट मे कहीं कोई कमेंट नहीं है |
ReplyDeleteआपको कुछ सुझाव देना चाहूँगा |
1. अपने ब्लॉग का कोई अच्छा सा नाम चुन के रखे हिन्दी मे |
2. मैंने आपका ब्लॉग फॉलो किया है, आप भी मेरा करें |
3. आप स्वयं भी ज्यादा से ज्यादा ब्लॉग फॉलो करें |
4. दूसरे के ब्लॉग मे भी जाए और ज्यादा से ज्यादा कमेंट करें |
5. कमेन्ट से वर्ड वेरिफिकेशन हटा दें | और हो सके तो moderation भी हटा दें |
मैंने आपके ब्लॉग को अपने संकलक ब्लॉग"दीप" मे शामिल किया है, ताकि ज्यादा लोगो तक पहुंचे | आप भी वहाँ पधारें |
thnks sir ji
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा आज सोमवार, दिनांक : 21/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -31पर.
ReplyDeleteआप भी पधारें, सादर ....नीरज पाल।
मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए धन्यवाद.
Deleteआपका सहयोग आगे भी अपेक्षित रहेगा.
आप अच्छा लिखते हैं \प्रदीप जी कि सलाह पर अमल करें ,अच्छा होगा |
ReplyDeleteनई पोस्ट महिषासुर बध (भाग तीन)
आप सब गुणी जनों का आशीर्वाद ही तो है जो मुझे निरंतर और बेहतर लिखने के लिए प्रेरित करता है. बहुत बहुत धन्यवाद.
Deleteबहुत सुंदर.प्रदीप जी का सलाह उचित है.
ReplyDeleteनई पोस्ट : धन का देवता या रक्षक
शुक्रिया।
Deleteसुन्दर रचना।।
ReplyDeleteनई कड़ियाँ : चित्तौड़ की रानी - महारानी पद्मिनी
अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस (International Poverty Eradication Day)
धन्यवाद आपका।
Deletebahut acha likha hua hai bt ek writer me jo chij hota use aur develop kare . aapki kavita sabhi age ke logo ko acha lage. kuch aisa kare jisse adhik se adhik log aapki blog ko follow kare aur aapka post padhe. .thankyu to your blog. aapka poem mere sabhi dosto ne bahut pasand kiya.
ReplyDeleteThanks a lot .
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteAabhar
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