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कितने राम आएँगे।

Happy dussehra

Pic credit: Google.






जब राम उठाएंगे धनुष
फिर रावण जलेगा तो क्या 
अंदर बाहर कितने रावण
भरे हुए हैं जीवन में सबके
फिर कितने राम आएंगे
किस रावण को मारेंगे
खुद ही करना होगा उद्धार
राम नहीं अब तारण हार
जल गई सोने की लंका
अयोध्या भी है सरयू पार
तुम गाँठ बाँध लो जीवन में
त्रेता नहीं ये कलयुग है
राम राज्य ना आएगा
कितने राम आएंगे
किस रावण को मारेंगे।

©नीतिश तिवारी।


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4 Comments

  1. Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (11-10-2019) को   "सुहानी न फिर चाँदनी रात होती"  (चर्चा अंक- 3485)     पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।  
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ 
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    Replies
    1. रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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