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Two line shayari
दर्द का डर था जब मैं तेरे साथ था,
अब मेरा कुछ नहीं मोहब्बत बेहिसाब था।
Dard ka dar tha jab mai tere saath tha,
Ab mera kuch nahin mohabbat behisab tha.
हमें मालूम है कि हमारा कुसूर क्या है,
कि हमने मोहब्बत करने की ख़ता की है।
Humen maloom hai ki humara kusur kya hai,
Ki humne mohabbat karne ki khata ki hai.
©नीतिश तिवारी।
6 Comments
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (05-06-2019) को "बोलता है जीवन" (चर्चा अंक- 3357) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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सभी मौमिन भाइयों को ईदुलफित्र की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद।
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteउम्दा प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।