मेहंदी--मोहब्बत वाली।

तेरे हाथों में मेहंदी, जो मेरे नाम की थी, तेरे हाथों से वो, शायद मिट गयी होगी। लेकिन मेरे साँसों में, उस मेहंदी की महक, ज़िन्दा है आज भी। वो लाल रंग सिर्फ, मेहंदी का रंग नहीं था। मेरी बेरंग जिंदगी का, एक प्यारा सा उमंग था। तेरी खूबसूरत हाथों में रची, उस महकती मेहंदी को, आज भी देखता रहता हूँ। बस इसी इंतज़ार में, एक दिन फिर से, तुम रचाओगी वो मेहंदी, अपने साजन के लिए। ©नीतिश तिवारी।