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अधूरी हसरतें।






















मेरी अधूरी ख्वाहिशें अब भी तुम पर उधार हैं,
सारी हसरतें अधूरी हैं, अब भी तुमसे प्यार है।


मेरी तमन्नाओं की कसक को आज पूरा हो जाने दो,
आज चाँदनी रात है, थोड़ा सा तो बहक जाने दो।

©नीतिश तिवारी।

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1 Comments

  1. हसरतें अधूरी हैं शायद इसलिए ही तो प्यार है ...
    अच्छा मुक्तक ....

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