ग़ज़ल-अर्धांगिनी बन जाओगे क्या? | Ghazal- Ardhangini ban jaoge kya?
मेरे बदले तुम मुस्कुरा पाओगे क्या,
मेरी आंखों के पानी को छुपा पाओगे क्या।
कहना ये था कि मुझे तुमसे प्यार है,
पहले तुम इजहार कर पाओगे क्या।
जीवन सरल बनाने का एक तरीका है,
तुम मेरी अर्धांगिनी बन जाओगे क्या।
Mere badle tum muskura paoge kya,
Meri aankho ke pani ko chhupa paoge kya.
Kahna ye tha ki mujhe tumse pyaar hai,
Pahle tum izhaar kar paoge kya.
Jeevan saral banaane ke ek tareeka hai,
Tum meri ardangini ban jaoge kya.
©नीतिश तिवारी।
2 Comments
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 26 अप्रैल 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteरचना शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।