ये दिल धड़कने लगा है,
ये जब से तुमसे मिला है। 2
तेरी साँवली सूरत पर क्यों,
ये दिल अब मरने लगा है। 2
वो पहली नज़र में देखना तुमको,
देखके तुमको यूँ मेरा तड़पना।
और फिर इस दिल का धड़कना,
इज़हार-ए- मोहब्बत को मेरा झिझकना।
मेरा दिल धड़कने लगा है,
ये जब से तुमसे मिला है। 2
मेरी ख्वाहिश कि तुमको जी भर के देखूँ,
हर पल मैं सिर्फ तुमको ही सोंचूं। 2
अब हर कोई ये कहने लगा है,
मुझे इश्क़ ये होने लगा है। 2
मेरा दिल धड़कने लगा है,
ये जब से तुमसे मिला है । 2
तेरी साँवली सूरत पर क्यों,
ये दिल अब मरने लगा है। 2
©नीतिश तिवारी।
8 Comments
वाह....प्रेम से लबरेज़ प॔क्तियाँ
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 07 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteआभार।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।