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मोहब्बत में तुम कुछ यूँ भीग जाना।


Romantic hindi poetry
Pic credit: Pinterest.







सुलझाना उसकी
जुल्फ़ों को
और बगिया से
फूल भी ले आना

गजरे की महक
साँसों में समाएगी
और याद आएगा
उसका मुस्कुराना

कोयल की कू कू
और उसके होठों
की हलचल
शोर मचाएगी तो 
अपने दिल 
को संभालना

भीगे बदन में 
ठिठुरन जो होगी
मीठा सा दर्द होगा
उसे तुम सह जाना

ये सावन का मौसम
और बारिश की बूँदें
मोहब्बत में तुम
कुछ यूँ भींग जाना

©नीतिश तिवारी।

                        

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17 Comments

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 01 अगस्त 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    Replies
    1. रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  4. वाह... बेहद ख़ूबसूरत कविता

    🌺🍀🌺

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  5. बहुत शानदार सृजन।

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