मैं कल सोच रहा था कि तुम्हारे अलावा किसी और को दिल दे सकता हूँ क्या? फिर सुबह से शाम हो गई और मैं सोचता ही रह गया, लेकिन किसी और का नाम जुबाँ पर नहीं आया।
मेरे मोहब्बत की इंतिहा की तो तुम्हें दाद देनी ही पड़ेगी कि तुमसे दूर रहकर भी मैं तुम्हें हमेशा अपने पास महसूस करता हूँ। अब इसे तुम्हारे होने का असर कहूँ, तुम्हारे खूबसूरती की दीवानगी या कुछ और। लेकिन इतना तो तय है कि मेरे लिए सिर्फ़ तुम मायने रखती हो। कुछ बात होगी तो कह दूंगा मैं लेकिन फिलहाल तो जो बात है, वह तुझमें ही है। वही बात जो एक प्रेमिका को महान बनाती है। वही बात जो महान प्रेमिका का साथ पाकर एक प्रेमी अपने आप को धनवान समझता है। हाँ, तो इस बात को तुम भी समझना कि तुम्हारे बिना मेरा कुछ भी अस्तित्व नहीं है। मैं बेजान हो जाता हूँ जब तुम मेरा हाथ छोड़ देती हो। मैं बेपरवाह हो जाता हूँ जब तुम मेरी परवाह करना छोड़ देती हो। इसलिए हमेशा तुम्हारे करीब रहना चाहता हूँ। तुम्हें खोने से डरता हूँ इसलिए तुम्हें पा लेना चाहता हूँ। हमेशा के लिए।
©नीतिश तिवारी।
10 Comments
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (25-05-2022) को चर्चा मंच "पहली बारिश हुई धरा पर, मौसम कितना हुआ सुहाना" (चर्चा अंक-4441) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
Deleteबहुत ही रोमांटिक
ReplyDeleteआपका धन्यवाद!
Deleteदिल के जज्बात बहुत सुंदर तरीके से व्यक्त किए है आपने।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद!
Deleteबेहतर रचना
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteबहुत ही भावपूर्ण हृदयोद्गार ।
ReplyDeleteधन्यवाद!
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।