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खुद से मुझे जुदा करो।

 

Pic credit: pixaby



मुझे अच्छी नस्ल का बेवफ़ाई अता करो,

कर सकते हो तो खुद से मुझे जुदा करो,

तलबगार हूँ एक मुक़म्मल ग़ज़ल लिखने को,

मतला लिख दिया, तुम इसको सजदा करो।


Mujhe achhi nasl ka bewafai ata karo,

Kar sakte ho toh khud se mujhe juda karo,

Talabgar hoon ek muqammal ghazal likhne ko,

Matla likh diya, tum isko sazda karo.


©नीतिश तिवारी।


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2 Comments

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 19 अक्टूबर 2021 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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