Latest

6/recent/ticker-posts

Tum apni tamanna apne paas rakho | तुम अपनी तमन्ना अपने पास रखो।

Tum apni tamanna apne paas rakho




Tum apni tamanna apne paas rakho | तुम अपनी तमन्ना अपने पास रखो।


दूरियाँ मेरे हिस्से आनी थीं

नज़दीकियों के लम्हें

वो कैद कर गए

फूलों को खिलने की तो

कब से ज़िद थी

कलियों का दामन

वो रौंद गए

नदी तड़पती रही

सागर के आगोश

में जाने को

पर वो तूफ़ान 

सब कुछ खत्म कर गया।


****************************

मुस्कुराना जितना सरल है

उतना ही कठिन

उदासी जब घेर लेती है

तब कुछ नहीं होता है मुमकिन

अच्छी आदतें दिनचर्या का

हिस्सा नहीं बन पातीं

बुरे खयाल मन को

घेर लेते हैं

किसी के पास मेरे लिए

वक़्त नहीं 

पुराने साथी भी साथ

छोड़ देते हैं।


***************************

कविता नहीं लिखूँ

तो क्या करूँ

मन को अशांत रहने दूँ

दिल को तड़पने दूँ

रात भर बेचैन रहूँ

बादल को देखता रहूँ

बारिश का इंतज़ार करूँ

मैं कविता नहीं लिखूँ

तो क्या करूँ?


***************************

अपनी रूठी हुई किस्मत

को मनाने को जी करता है

अपनी मेहनत से कामयाबी

पाने को जी करता है

कुछ लोग साथ देते हैं

कुछ हमेशा गिराने की 

कोशिश में रहते हैं

फिर भी सभी के दिल

पर छा जाने को 

जी करता है।

***************************

तुम अपनी तमन्ना अपने

पास रखो

मुझे मेरे हसरतों को मुक़ाम

तक ले जाना है

किया था मैंने बरसों 

पहले जो आगाज़

उसे अब अंज़ाम तक

ले जाना है।


©नीतिश तिवारी।


Post a Comment

0 Comments