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Review of the book Papaman written by Nikhil Sachan.

Review of the book Papaman written by Nikhil Sachan.



Review of the book Papaman written by Nikhil Sachan.

कानपुर के रहने वाले निखिल सचान ने इस बार अपने ही शहर की कहानी लिखी है। किताब का नाम है- पापमैन। स्पाइडरमैन, सुपरमैन और बैटमैन के काल्पनिक किरदारों को हम सबने देखा है। अब बारी है पापमैन की वास्तविक जीवन के ख़ुशनुमा पल की।

पिछली बार मैंने इनकी किताब UP 65 पढ़ी थी। उसमें बनारस के रंग को बखूबी दर्शाया गया था। अगर मैं पिछली किताब से तुलना करूँ तो पापमैन थोड़ी कमजोर प्रतीत होती है। लेकिन ये अलग तरह की कहानी है जिसमें किरदार तो ज्यादा नहीं हैं लेकिन जो भी हैं रोचक हैं।

एक बाप और बेटी दोनों के अपने सपने हैं और दोनों ही पूरे होने हैं। इसी कशमकश का नाम है पापामैन। 
कहानी की बात करूँ तो IIT Kanpur में पढ़ने वाली छुटकी चंद्रप्रकाश जी की छोटी बेटी है। आधुनिक खयालों वाली ये बेटी अपने पापा को सबसे अच्छा दोस्त मानती है तभी तो बियर पीनी है या wine ये सब यही डिसाइड करती है। फिर दोनों बाप बेटी  बैठकर एक साथ पीते हैं और अपने सपनों की बात करते हैं। कहानी भले ही काल्पनिक हो लेकिन नए दौर में उच्च मध्यमवर्गीय परिवारों में इस तरह के चलन बढ़ रहे हैं जहाँ बाप बेटा, या बाप बेटी के बीच वो दूरियाँ नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। शायद इसी को मध्यनज़र रखते हुए लेखक ने ऐसी कहानी को लिखा है।

कहानी आगे बढ़ती है और छुटकी के सपने भी पंख पसारने लगते हैं। छुटकी का सपना अमेरिका जाकर पढ़ाई करने की है लेकिन मोहल्ले का ही पिंटू छुटकी के प्रेम में लट्टू है। वहीं दूसरी तरफ़ चंद्रप्रकाश जी ने इस उम्र में भी बम्बई जाकर सिंगर बनने के सपने को जिंदा रखा है।

कहानी का सबसे मजूबत पक्ष यही है कि इसका कॉन्सेप्ट बहुत अच्छा है। 
कमजोर पक्ष की बात करें तो किताब में पंचलाइन की कमी है सिवाय इसके, "पुरुष अक्सर ऐसा करते हैं, वह अपने भीतर की स्त्री को हमेशा दुनिया से छुपाकर रखते हैं और जीवनभर इसकी पीड़ा झेलते हैं।"
इस तरह की और पंचलाइन लिखी जा सकती थी और कहानी में गुंजाइश भी थी। 
कुल मिलाकर लेखक ने बढिया कोशिश की है और किताब पढ़ने योग्य है।

किताब के प्रकाशक हिन्द युग्म को बधाई। निखिल सचान जी को बधाई।
 
©नीतिश तिवारी।  

      



                                   

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2 Comments

  1. बहुत बढ़िया समीक्षा। हिंदी युग्म का मानो युग ही चल रहा है 👌

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    1. Dhanywaad. haan ye baat sahi hai ki aajkal Hind Yugm ki books achhi sell ho rahi hain aur logo ko pasand bhi aa ahi hain.

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