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Bhojpuri Song.
गाँव जवार हमरा भूलल ना भुलावे ला,
गऊवें के हावा पानी शहर तक आवे ला,- 2
सभे लोगन कहत बाड़े लौट के आ जा,
गाँव के साँझ और भोर बुलावे ला। - 2
बचपन में बाबूजी देवत रहन पईसा,
मेलवा से लान के खाईत रही अरिसा।
घरवा के हालत ख़ातिर छूट गईल गाँव हो,
गाँव के छोरा होइलक शहर के जईसा।
गाँव जवार हमारा....
सरसो के खेत और नदिया के पानी,
करत रही हम रोजे बागवानी ( gardening)
गेहूँ कटा गईल रहरो (अरहर) बा आईल,
सभे बोलावत बाड़े करे के खलिहानी।
गाँव जवार हमारा.....
©नीतिश तिवारी।
कविता सुनिए।
क्यों गाँव मेरा वीरान हो गया?
12 Comments
मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteआँचलिक भाषा में सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteधन्यवाद सुधा जी।
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteबड़ा बनहिया बा हो....
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteबहुत नीक बा
ReplyDeleteठीके कहली रउवा। धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।