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संसार की मोहमाया के आगे व्यर्थ है ये सुंदर काया। तन स्वस्थ रखना जरूरी है पर उससे भी ज्यादा जरूरी मन की शांति है। अपने आस पास कुछ लोग ऐसे होने चाहिए जिससे आप बिना किसी झिझक के अपने दिल की बात कह सकें।
अवसाद कब आपका दामन थाम ले कुछ कहा नहीं जा सकता। इंसानी दिमाग ऐसा है कि जरा सी परेशानी से हम घबरा जाते हैं और धीरे धीरे यही घबराहट डिप्रेशन का रूप ले लेती है।
ये वक़्त वाकई बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम सब खुश रहें और अपने घर परिवार यार दोस्तों का भी ख्याल रखें।
प्रभु सबका कल्याण करें।
©नीतिश तिवारी।
9 Comments
उपयोगी सुझाव।
ReplyDeleteधन्यवाद सर।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-06-2020) को "उलझा माँझा" (चर्चा अंक-3735) पर भी होगी।
ReplyDelete--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteतन स्वस्थ रखना जरूरी है पर उससे भी ज्यादा जरूरी मन की शांति है
ReplyDeleteये सबक पहली जमात से सिखाना शुरू कर देना चाहिए पर अफ़सोस ये सबक अकसर ज़िंदगी की जमात में फेल हो जाने या ज़िंदगी की जमात से निकलने के बाद समझा समझाया जाता है
अच्छी बात कही उपयोगी बात कही
काश समझें हम सब
आपका धन्यवाद।
Deleteअवसाद का एक ही इलाज हे दोस्त
ReplyDeleteबढ़िया रचना
सही कहा आपने। आभार।
DeleteThank you!
ReplyDeleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।