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कविताएँ लिखता हूँ।


Pic credit : Pinterest.




भूख लगती है,
भोजन करता हूँ,
शरीर स्वस्थ रहता है।

मन विचलित होता है,
तो कविताएँ लिखता हूँ,
आत्मा तृप्त होती है।

Bhookh lagti hai,
Bhojan karta hoon,
Shareer swasth rahta hai,

Man vichleet hota hai,
Toh kavitayen likhta hoon,
Aatma tript hoti hai.

©नीतिश तिवारी।

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4 Comments

  1. सही कहा कवि मन लिखने से ही तृप्त होता है
    बहुत सुन्दर।

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