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मैं प्रेम लिखता हूँ।









मैं प्रेम लिखता हूँ,
प्रेम में मिला 
दर्द लिखता हूँ।

लोगों को प्रेम
और दर्द एक साथ
पसंद नहीं आते
फिर मैं रात वो
सर्द लिखता हूँ।

Main prem likhta hu
Prem mein mila
Dard likhta hu.

Logon ko prem
Aur dard ek saath
Pasand nahin aate
Phir main raat wo
Sard likhta hu.

©नीतिश तिवारी। 

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6 Comments

  1. कुनैन गुड़ या शहद के साथ ही दी जाती है।

    उम्दा !

    सुरक्षित रहो, स्वस्थ रहो !

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  2. वाह ... क्या खूब लिखा है ...

    ReplyDelete

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