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तेरी झुकी नज़र इश्तिहार-ए-इश्क़ की दावत लगती है,
जरा मुझे तो देखो, मोहब्बत में इंकलाब आ जाएगा।
Teri jhuki nazar ishtihar-e-ishq ki dawat lagti hai,
Jara mujhe toh dekho, mohbbat mein inkalab aa jayega.
साज़िश नज़रों ने की, हरक़त मेरे दिल पर हुआ,
तेरी पलकों के उठते ही, मेरा इश्क़ मुक़म्मल हुआ।
Sazish nazron ne ki, harqat mere dil par hua,
Teri palkon ke uthte hi, mera ishq muqammal hua.
©नीतिश तिवारी।
वीडियो भी है:
14 Comments
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteधन्यवाद सर।
Deleteबहुत खूब!
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(२१-०३-२०२०) को "विश्व गौरैया दिवस"( चर्चाअंक -३६४७ ) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
DeleteBahut bahut sunder rachna
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteवाह!!!
ReplyDeleteक्या बात...
लाजवाब
आपका धन्यवाद।
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteवाह !! बहुत खूब ,सादर नमन
ReplyDeleteआभार।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।