Latest

6/recent/ticker-posts

ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है!

Why heart is so delicate

















Pic courtesy: Google









ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है ,
जब धड़कते हो मेरे सीने में,
तो किसी और के लिए यह शोर क्यों है,
ए दिल तू इतना कमजोर क्यों है।

तेरी इस बेरुखी से मैं अनजान हूँ,
तेरी इन गलतियों से मैं परेशान हूँ,
जब तू ऐसा करेगा, तो सोच मेरा क्या होगा,
मशीन ना समझा कर मुझे, मैं भी एक इंसान हूं।

सोच नहीं पाता हूँ कि,
तुझ पर उसका जोर क्यों है,
ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है,
जब धड़कते हो मेरे सीने में,
तो किसी और के लिए यह शोर क्यों है।
ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है।

बता तो सही, या फिर मैं कुछ कर जाऊँ,
तुझे निकाल कर फेंक दूँ , या जीते जी मर जाऊँ,
मुझे यूँ जो तू वक्त-बेवक्त तड़पाएगा,
क्या मेरे बिन तू मुकम्मल रह पाएगा।

जब चलता हूँ मैं सीधी राह पर,
तो तू अक्सर लेता मोड़ क्यों है,
ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है,
जब धड़कते हो मेरे सीने में,
तो किसी और के लिए शोर क्यों है।
ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है।

तू महफिलों में अकेला कर देता है,
तन्हाइयों में मुझे घेर लेता है,
जानते हो कि मैं नहीं सह सकता,
तो तू क्यों इतना दर्द देता है।

ये भी पढ़िए: तुझे लगता है।

मैं दिखता हूँ मजबूत बेशक,
पर तेरा नाजुक ये डोर क्यों है,
ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है,
जब धड़कते हो मेरे सीने में तो,
किसी और के लिए शोर क्यों है।
ऐ दिल तू इतना कमजोर क्यों है।

©शांडिल्य मनिष तिवारी।

Post a Comment

15 Comments

  1. Beautiful lines, well done manish😊

    ReplyDelete
  2. Replies
    1. बिल्कुल सही बात। ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया।

      Delete
  3. दिल तो पागल है..या फिर दिल तो बच्चा है..इसको ज्यादा महत्व नहीं देना चाहिए

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कहा आपने। धन्यवाद।

      Delete
  4. अच्छी रचना ... वैसे ... दिल कमजोर नहीं है ... वो तो बहुत ही सुगठित है ... तभी तो दूसरे के लिए और वो भी जोर-जोर से धड़कता है ... वर्ना लोग तो अपने में लगे रहते हैं यहाँ ...

    ReplyDelete


  5. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (0५ -१०-२०१९ ) को "क़ुदरत की कहानी "(चर्चा अंक- ३४७४) पर भी होगी।
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

    ReplyDelete
    Replies
    1. रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

      Delete
  6. बहुत सुंदर रचना।

    ReplyDelete
  7. वाह बहुत अलग और सुंदर अहसास।
    अप्रतिम।

    ReplyDelete

पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।