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फर्क नहीं पड़ता।













Image courtesy: pinterest.








मुझे फर्क नहीं पड़ता
कि तुम मुझे मुस्कुरा
कर देखती हो
या देखकर मुस्कुराती हो
मुझे तो बस तुम्हारे
होठों पर हँसी 
देखनी है।

मुझे फर्क नहीं पड़ता
कि तुम मुझे प्यार
करती हो या नहीं
मुझे तो बस तुम्हारे
साथ रहने से 
सुकून मिलता है।

मुझे फर्क नहीं पड़ता
कि लोग मुझे 
एक तरफा प्यार 
में पागल आशिक़
कहते हैं
बस एक भरोसा
है कि एक दिन
ये प्यार दोनों
तरफ से होगा।

इसे भी पढ़िए: अधूरा इश्क़, पूरी मोहब्बत और तुम।

©नीतिश तिवारी।


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14 Comments

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (17-05-2019) को "बदलाव की सुखद बयार" (चर्चा अंक- 3338) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर जी।

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 16/05/2019 की बुलेटिन, " मुफ़्त का धनिया - काबिल इंसान - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    Replies
    1. मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार

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  3. यकीनन होगा

    सुंदर अभिव्यक्ति

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद।

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  4. भरोसा जरूर रखें । सब अच्छा होगा।
    सुन्दर भावों को संजोती मोहक रचना। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीय नीतीश जी।

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  5. वाह!!बहुत खूबसूरत रचना।

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