Iss baar ki sardi...
अच्छी लग रही है
इस बार की सर्दी
क्योंकि तुम्हारे
होने का एहसास
जो है इस बार।
रात में ओस की
टपकती बूंदें
दिन में गुनगुनी धूप
और आठों पहर
तुम्हारा ये रूप
गज़ब का संगम
है इस बार।
तुम्हारे रूठ जाने
की आदत
और मेरे मनाने
की फितरत
परवान चढ़ती
ये मोहब्बत
गज़ब का संगम
है इस बार।
©नीतिश तिवारी।
2 Comments
Very nice sir thanku.... RSCIT Notes
ReplyDeleteSir apna whatsapp number please
ReplyDeleteMy number 8273540663
पोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।