Hindi Poem - Meri Zindgi ko.
सुनों,
नया साल शुरू
हो गया है।
अब फिर से तुम
मेरी ज़िंदगी को
उदासियों से लबरेज़
करके अपनी हसीन
दुनिया में खो जाओगी।
और सुकून मिलेगा
तुम्हें अकेलापन में
और मेरे हिस्से सिर्फ
दर्द आएगा
हमेशा की तरह।
©नीतिश तिवारी।
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6 Comments
Kya baat hai bhaiya
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteबहुत ख़ूब 👌
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
ब्लॉग पर पधारने के लिए आपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।