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Chocolate- A short story (लघुकथा)

















Chocolate- A short story (लघुकथा) 




राहुल का आज स्कूल में पहला दिन था। पाँच साल के राहुल का एडमिशन उसके मम्मी पापा ने किसी तरह रूपयों का जुगाड़ करके पास के ही एक प्राइवेट स्कूल में कराया था। राहुल स्कूल से वापस आया तो मम्मी को चॉकलेट दिखाया।
 "कहाँ से मिला चॉकलेट"? मम्मी ने पूछा।
"स्कूल में टीचर ने दिया है, सब बच्चों को दे रहीं थी।"
राहुल ने जवाब दिया।
अगले दिन फिर मम्मी ने राहुल को स्कूल के लिए तैयार करके स्कूल छोड़ने जाने लगी तो राहुल को कल के चॉकलेट की याद आने लगी।
राहुल- "मम्मी मुझे अभी चोकलेट चाहिए।"
मम्मी- "नहीं बेटा, अभी स्कूल के लिए लेट हो रहा है बाद में तुम्हे  चॉकलेट दिलवा दूँगी।"
लेकिन बच्चा तो बच्चा ही होता है, राहुल रोने लगा और चॉकलेट खाने की ज़िद करने लगा।
परेशान होकर मम्मी पास के लालाजी के दुकान पर गयीं।
"लालाजी  वो एक रुपये की दो आती है वो चॉकलेट देना।"
"लेकिन बहन जी एक रुपये की दो तो टॉफी आती है, चॉकलेट नहीं।"
"अरे हाँ वही लालाजी, अब क्या है ना, इतने पैसे नहीं है कि इसे रोज इतनी महँगी चॉकलेट दिलाऊँ। इसलिए हम लोग टॉफ़ी को ही चॉकलेट बोलते हैं।"
लालजी हैरानी भरी नजरों से बच्चे और मम्मी दोनों को देख रहे थे।

©नीतिश तिवारी।


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