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एक कहानी लिखता हूँ।























चलो आज मैं
एक कहानी
लिखता हूँ।
मैं अपने को 
राजा और 
तुम्हें रानी
लिखता हूँ।

तुम्हारी कही बातें
तुम्हारी ही जुबानी
लिखता हूँ।
जो हमने किया
था प्यार,
उसकी मैं निशानी
लिखता हूँ।

अब नहीं रहे 
हालात पहले जैसे
फिर भी सूखे
दरिया में पानी
लिखता हूँ।
जी रहे थे
हम कभी,
वो हसीन जवानी
लिखता हूँ।

चलो आज मैं
एक कहानी
लिखता हूँ।
कुछ बचपन की
कुछ जवानी की
एक नादानी 
लिखता हूँ।

©नीतिश तिवारी।

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