हसरतें दिल की सारी नाकाम हो जाती हैं, आप ना आए तो सुबह से शाम हो जाती है। छुप कर मोहब्बत करने की लाख कोशिश करें, फिर भी ये मशहूर सरेआम हो जाती है। कितनी शिद्दत से रौशन करता हूँ अपने घर को, बाती दिया की आंधियों के गुलाम हो जाती है। वक़्त रहते तुम जी भर के मोहब्बत कर लो, एक उम्र के बाद मोहब्बत भी मेहमान हो जाती है। ©नीतिश तिवारी।