मुझको मेरे वज़ूद का होना अब खलता है, पर ऐसे ही तो ज़िन्दगी का खेल चलता है। आज मौजूद नहीं है हीरे को तराशने वाला जौहरी, ये कौन सा दौर …
Read moreइश्क़ में उसने कुछ ऐसा गुनाह कर दिया, मुझको कैद करके खुद को आज़ाद कर दिया, मैं उसकी जुल्फों की घनी चादर में खुद को छिपाता रहा, उसकी…
Read moreकैसे उसके दिल में अपना प्यार जगाऊँ फिर से, कैसे उसके दिल में नयी आरज़ू जगाऊँ फिर से, वो कहती है मोहब्बत अब ख़त्म हो चुकी है, कैसे अपनी …
Read moreतेरी हया वाली अदा को सलाम हम करेंगे, तुम लिखना अपनी दास्तान कलाम हम पढ़ेंगे, तुम मानो या ना मानो मोहब्बत तो अब हो ही गयी है, बनकर रह ज…
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