भारत माँ का लाल था वो ,
हम सब का गुमान था वो ,
हमें छोड़कर जो चला गया ,
कितना अच्छा इंसान था वो।
दुश्मन की गोली खाकर भी ,
भारत माँ का लाज़ बचाया ,
हर घडी हर मुश्किल में ,
उसने अपना फ़र्ज़ निभाया।
ना रूका कभी ना थका कभी ,
हर पल बस वो चलता रहा ,
तिरंगे की शान बचाने खातिर ,
दुश्मन से वो लड़ता रहा।
आओ करें उनका सम्मान ,
जिसने बचायी हमारी जान ,
भारत माँ के वीर सपूत को ,
हमारा है ये आखिरी सलाम।
©नीतिश तिवारी।
8 Comments
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteबेहद भावपूर्ण रचना है नीतीश जी......
ReplyDeleteशुक्रिया सर
Deleteशुक्रिया सर
Deleteशहिदों को शत-शत नमन! सुंदर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteआपका शुक्रिया।
Deleteआपका शुक्रिया।
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