कि कोई आए तो आए कैसे, मुझको भाए तो भाए कैसे. अपना बनाए तो बनाए कैसे, हम दिल लुटाएं तो लुटाएं कैसे. कोई खुश्बू महकाय तो महकाय कैसे, …
Read moreढूँढ रहा था जिस पल को उसमे होकर लौटा हूँ, मैं मुसाफिर हूँ यारो सब कुछ खोकर लौटा हूँ, और तुम क्या जानोगे अदब मेरी दीवानगी का, उसके …
Read moreऐ खुदा कैसा वो मंज़र होगा, जब सारा समंदर बंज़र होगा, लोग तरसेंगे एक एक बूँद को, तब तू ही जहाँ का सिकंदर होगा. © नीतीश तिवारी
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