अगर तुझे ख्वाब कहूँ, तो नींदों में जीना चाहूँगा,
अगर तुझे गुलाब कहूँ , तो कांटो में खिलना चाहूँगा,
अगर तुझे जवाब कहूँ, तो सवालों को बुनना चाहूँगा,
अगर तुझे शराब कहूँ, तो मयखानो में रहना चाहूँगा.
सुना है लोग मोहब्बत में अपनी दुनिया लूटा देते हैं,
और हमने इसी दुनिया में अपनी मोहब्बत लूटा दिया.
इस महफ़िल की शान अभी बाकी है,
मेरी ज़िंदगी का इम्तिहान अभी बाकी है,
वो आ भी जाएँ तो गवाँरा नही मुझको,
उनकी ज़ख़्मो के निशान अभी बाकी है.
कहीं उठ ना जाए मोहब्बत से लोगों का भरोसा,
यह सोचकर तुझे बेवफा का नाम ना दे पाए.
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