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तुम पेरिस, वेनिस
या फिर ज़्यूरिख
चले जाओ।
तुमने हमारे पवित्र
प्रेम पर जो
प्रतिघात किया है
उसकी प्रतिध्वनि
तुम्हें हर जगह
सुनाई देगी।
आशिक़ कभी कभी
मधुशाला से निकलकर
खूबसूरत शहरों में भी
विचरण करते हैं।
©नीतिश तिवारी।
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FB: poetnitish
Thank you!
4 Comments
प्यार पर सुन्दर भावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteआपकी हौसलाफजाई के लिए शुक्रिया।
Deleteआशिक़ कभी कभी
ReplyDeleteमधुशाला से निकलकर
खूबसूरत शहरों में भी
विचरण करते हैं।
वाह बढ़िया प्रस्तुति
आपका धन्यवाद।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।