जमाना कह रहा है तुम बिगड़े बहुत हो,
हमने कहा हम सुधरे बहुत हैं।
जब पड़ रहे थे गम के थपेड़े,
तब तुम्हें हमारा खयाल नहीं था,
अब सब कुछ शांत है तो आये हो,
कहने हमें कि हम बिगड़े बहुत हैं।
नज़र बदलो, नज़रिया बदलो,
समय का पहिया घूम रहा,
गलत बात तुम तक पहुंचा रहा,
तुम भी अपना खबरिया बदलो।
©नीतिश तिवारी।
6 Comments
सही मानना है तो खबर नफीस को ही बदलना होगा ... बहुत खूब ... क्या बात ...
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
Deleteवाह...बहुत सही
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।
DeleteWaah
ReplyDeleteशुक्रिया।
Deleteपोस्ट कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएँ और शेयर करें।