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Tuesday, December 31, 2019
Monday, December 30, 2019
Saturday, December 28, 2019
नए साल में मिलना, हम फिर से प्यार करेंगे।
Pic credit: pinterest
2019 अब बस चंद दिनों का मेहमान है। एक और साल बीत गया । कहते हैं समय किसी के लिए नहीं रुकता, सच है , बिल्कुल सच है। जिस तरह से तुमने साथ छोड़ा अब साल खत्म होते ही पुरानी यादें ताज़ा हो रही हैं। कदम बहके ना थे, होश खोया ना था, फिर भी तेरे जाने के बाद मैं क्यों इतना रोया था। इंतज़ार की आरज़ू आज भी है। हो सके तो नए साल में मिलना। सदी के बीसवें बरस में एक दूजे के होने का इंतजार करेंगे। हम फिर से एक दूसरे से प्यार करेंगे।
©नीतिश तिवारी।
Wednesday, December 25, 2019
Thursday, December 19, 2019
Shayari ek baar phir.
तेरी ख़्वाबों को अपनी नींदों में छुपा रखा है,
तेरी खुशबू को अपनी साँसों में बसा रखा है,
अब देर ना कर कहीं ये रात ना ढल जाए,
तेरी आरज़ू को अपने दिल से लगा के रखा है।
Teri khwabon ko apni neendon mein chhupa rakha hai,
Teri khushboo ko apni sanson mein basa rakha hai,
Ab der naa kar kahin ye raat naa dhal jaye,
Teri aarzoo ko apne dil se laga ke rakha hai.
©नीतिश तिवारी।
Sunday, December 15, 2019
मौत आएगी तो कहना मैं सो रहा हूँ।
मौत आएगी तो कहना उससे,
अभी मैं सो रहा हूँ, बाद में आए।
ज़िन्दगी ठीक चल रही है,
अभी इसे ना सताए।
जो लिखा है वही होगा,
बेवजह का खौफ ना दिखाए।
Maut aayegi toh kahna usse,
Abhi mai so raha hoon,
baad mein aaye.
Zindgi thik chal rahi hai,
Abhi na ise sataye.
Jo likha hai wahi hoga,
Bewajah ka khauf na dikhaye.
©नीतिश तिवारी।
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Wednesday, December 11, 2019
Laghukatha- Naseeb Apna Apna
Pic credit: Pinterest.
"असलम भाई एक चाय देना।"
दिसम्बर की ठंड में सुबह 6 बजे मैंने काँपते हुए कहा।
"ये लीजिए तिवारी जी।"
"अरे बिस्कुट भी तो दो।"
"कौन सा?"
"वही अपना पुराना वाला पर्लेजी।"
चाय की पहली घूँट लेकर मैं बिस्कुट का रैपर फाड़ ही रहा था कि उधर से एक मोहतरमा बैग लटकाए और गले में आई कार्ड डाले आई।
शायद ऑफिस जा रही थी।
"भईया एक मर्बोलो लाइट्स और एक चाय"
मोहतरमा ने असलम भाई से माँगा।
असलम भाई के लिए ये बिल्कुल नया नहीं था और होता भी तो वो दुकानदार थे इसलिए उन्होंने सिगरेट और चाय पकड़ा दिया।
मैं भी इधर चाय की चुस्की के साथ व्यस्त हो गया था।
इतने में एक कुत्ता भौंकते हुए मोहतरमा की तरफ आया। शायद पुरानी जान पहचान रही होगी। लड़की कुत्ते को पुचकारने लगी तब तो मुझे पूरा यकीन हो गया कि पुरानी जान पहचान ही थी।
लेकिन कुत्ता फिर भी भौंके जा रहा था।
लगभग दो मिनट बाद लड़की ने असलम से गुड डे बिस्कुट माँगा और कुत्ते को खाने के लिए सड़क पर बिखेर दिया। उधर कुत्ता बड़े चाव से बिस्कुट खाने लगा। लड़की सिगरेट फूँक कर जा चुकी थी। मैं और असलम भाई मंद मंद मुस्कुरा रहे थे।
©नीतिश तिवारी।
Tuesday, December 10, 2019
प्रेम गीत- काजल को स्याही बनाके।
Photo courtesy: Pinterest
तेरी आँखों के काजल को स्याही बनाके लिख दूँ,
मैं अपनी ग़ज़ल में तुझको हमराही बनाके लिख दूँ।
तेरी पायल करती शोर है हम जब भी मोहब्बत करते हैं,
इस पायल की छन छन को गवाही बनाके लिख दूँ।
चाँद करता रहता है पहरा, पूर्णिमा की रात को,
तुम कहती हो तो चाँद को सिपाही बनाके लिख दूँ।
गुनाह है मोहब्बत में अगर छुप छुप कर मिलना,
फिर मैं भी अपने को अपराधी बनाके लिख दूँ।
©नीतिश तिवारी।
Also Read: मेरी पहली किताब- फिर तेरी याद आई।
Saturday, December 7, 2019
लघुकथा- कौन हो आदर्श?
Picture courtesy: Google.
राम प्रसाद जी को फिर से पंचायत के मुखिया के तौर पर चुन लिया गया था। गाँव और समाज में युवाओं के बढ़ते हुए प्रभाव के कारण उन्होंने तय किया कि इस बार की पहली बैठक से ही युवाओं को शामिल किया जाएगा। बैठक शुरू हुई जिसमें पंचायत के बुजुर्ग और युवा भी शामिल थे।
"युवा शक्ति की ताकत बहुत बड़ी होती है। मैं चाहता हूँ कि पंचायत के सभी बच्चों और युवाओं के हाथ में भगत सिंह की किताब हो। सबको पता चलना चाहिए कि सुभाष चंद्र बोस ने आज़ादी की लड़ाई में कितना सार्थक योगदान दिया था। अगर चंदा करना पड़े तो करो लेकिन सबके पास आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुए वीर सपूतों की कहानी पहुँचनी चाहिए।" राम प्रसाद जी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा।
जैसे ही उन्होंने अपना वक्तव्य खत्म किया तो पीछे से एक युवा भाई ने पूछा , "और नाथूराम गोडसे?"
रामप्रसाद जी और बाकी पंचायत के सदस्य सोंच विचार में पड़ गए थे।
©नीतिश तिवारी।
Tuesday, December 3, 2019
Change your way of thinking.
Photo credit: Pinterest
Depending on the situation
You judge the people
Is that your real judgement
Or a result of any fiction
You always walk in one side
Not aware about the other side
Ignoring the facts and figures
You present the data which is
Like a prime member
And that cannot be divide
Don't always expect heads
When you flip the coin
It also gives you tail
Change your thinking
Change your view
©Nitish Tiwary.
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