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मुझे तुम्हारा प्रेम आधा नहीं चाहिए।

 

मुझे तुम्हारा प्रेम आधा नहीं चाहिए




भले ही हो जाये विलम्ब
तुम आना तो
सज धज कर आना,
प्रेम का मार्ग तो प्रशस्त
हो ही चुका है।

अपने संग अपनी चूड़ी 
की खनक भी लाना
बिंदिया की चमक भी
और पायल की झनक
भी लाना।

मैं प्रतीक्षारत हूँ
फूलों की बगिया में
भँवरों को मनाने में 
लगा हूँ
काँटों को हटाकर।

क्योंकि प्रेम में कोई
बाधा नहीं चाहिए
मुझे तुम्हारा प्रेम
आधा नहीं चाहिए।

©नीतिश तिवारी।


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